ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग की प्रकृति की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट के सिटिंग या रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में कमेटी के गठन की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है।
दरअसल, इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने सुनवाई के क्षेत्राधिकार न होने का हवाला देकर याचिका खारिज कर दी थी। इसके खिलाफ भगवान विश्वेश्वर के सात भक्तों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। मई 2022 में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दाखिल कर यह पता लगाने के लिए एक कमेटी का गठन करने का निर्देश देने की मांग की गई थी कि क्या मस्जिद के अंदर पाई गई संरचना शिवलिंग है। ज्ञानवापी में मिली संरचना पर हिन्दुओं का दावा है कि वह शिवलिंग है जबकि मुसलमानों का दावा है कि वह एक फव्वारा है।
आशा खबर /रेशमा सिंह पटेल