-ना कोई सुविधा, ना सुरक्षा, टैक्स पूरे ले रहे हैं
गांव गाड़ौली के साथ लगते गंदे नाले में बच्चे के डूबने की घटना से खफा ग्रामीण विकास को लेकर भी सवाल उठा रहे हैं। सोमवार को ग्रामीणों का कहना है कि नगर निगम में तो गांव को शामिल कर लिया गया, लेकिन गांव का किसी भी तरह से कोई विकास नहीं किया गया। वे देखते हैं नए गुरुग्राम में तो लगातार सड़कें भी बन रही हैं, लेकिन यहां वर्षों पहले बनी सड़क में गड्ढे तक नहीं भरे जा रहे। निगम में शामिल गांवों को नरक बना दिया गया है।
गांव गाड़ौली से भाजपा नेता अनिल गंडास, ग्रामीण दलबीर आदि ने बताया कि गांव के साथ से निकल रहा यह नाला पहले गंदा नाला नहीं था, बल्कि बरसाती नाला था। इसे नदी नाम दिया गया था। बाद में इसमें कंपनियों, फैक्ट्रियों का गंदा पानी डाला जाने लगा। आज गांव के हालात यह है कि लोगों का खाना-पीना भी दुभर हो गया है। बदबू इतनी उठती है कि घरों में रहना नरक समान हो गया है। विशेषकर इसके किनारे पर रहने वाले लोगों का। उनका तो जीवन सदा खतरे में ही रहता है। बरसात में जब यह उफान पर आ जाता है तो घरों में भी पानी घुस जाता है। नाले के किनारों पर किसी भी तरह के सुरक्षा इंतजाम नहीं है। घरों के सामने से गुजरने वाले इस नाले के किनारे ग्रिल या दीवार बनानी चाहिए, जो कि नहीं बनाई गई है। नाले पर बना पुलिस भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुका है। यहां कभी बड़ा हादसा हो सकता है और नाले में गिरकर लोगों की मौत भी हो सकती है। क्योंकि यह गहरा नाला है और इसमें गंदा कैमिकल युक्त पानी बहता है। एक सप्ताह पूर्व यह पुलिस बीच में से काफी दूरी में टूट गया गिर गया था। जिस पर लोहे की चद्दर रखी गई है। ग्रामीणों का कहना है कि वर्षों पहले बनाया गया यह पुल नया बनाना चाहिए। यह मांग कई बार की जा चुकी है। फिर भी कोई कदम नहीं उठाए जा रहे। लगता है प्रशासन हादसे का इंतजार कर रहा है।
आशा खबर / शिखा यादव