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उमाकांत यादव की क्राइम कुंडली: साल 1977 में दर्ज हुआ था पहला मुकदमा, लूट और हत्या समेत दर्ज हैं 37 केस

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पेशी के दौरान पूर्व सांसद उमाकांत यादव

जौनपुर के खुटहन से लगातार तीन बार विधायक और मछलीशहर से एक बार सांसद रहे उमाकांत यादव के खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हुए हैं। उमाकांत यादव पर पहली बार 1977 में मुकदमा दर्ज हुआ था। इसके बाद आजमगढ़, लखनऊ और जौनपुर में 36 आपराधिक मामले दर्ज हुए। आजमगढ़ जिले के दीदारगंज थाना क्षेत्र के सरावां गांव निवासी पूर्व सांसद उमाकांत यादव इस समय जौनपुर जिला जेल में बंद हैं। उनके खिलाफ जौनपुर से तीन वारंट है। इनमें एक मामला लाइन बाजार और जीआरपी सिपाही हत्याकांड समेत दो शाहगंज कोतवाली के हैं। उनके खिलाफ धोखाधड़ी, लूट, हत्या, लोक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने जैसे अन्य कई गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हुए हैं। उमाकांत यादव के भाई रमाकांत यादव भाजपा से सांसद रह चुके हैं। वह 2014 में मुलायम सिंह यादव के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़े थे और इस समय आजमगढ़ की फुलपुर पवई विधानसभा से विधायक हैं।
पेशी के दौरान पूर्व सांसद उमाकांत यादव

उमाकांत यादव वर्ष 2004 में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे केशरी नाथ त्रिपाठी को हराकर पहली बार सांसद बने थे। उमाकांत यादव जब मछलीशहर से बसपा से सांसद थे, तब मायावती प्रदेश की मुख्यमंत्री थी।
उमाकांत यादव
साल 2007 में फरारी के दौरान उमाकांत यादव तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती के बुलाने पर उनसे मिलने गए थे, तब मायावती ने तत्कालीन डीजीपी विक्रम सिंह को बुलाकर उन्हें गिरफ्तार कराया था।
umakant yaday- file photo
ह 1991, 1993 में बसपा और 1996 में खुटहन से सपा के टिकट पर विधायक बने थे। 1996 में सपा के टिकट पर विधायक चुने जाने के बाद उमाकांत यादव पर महाराष्ट्र के सपा प्रदेश अध्यक्ष अबु हासिम आजमी के रिश्तेदार की जमीन कब्जा करने का भी आरोप लगा था।
उमाकांत यादव कोर्ट में पेशी के बाद जाते हुए
उनके खिलाफ आजमगढ़ जिले के दीदारनगर, फूलपुर, अहरौला, लखनऊ के हजरतगंज, जौनपुर के शाहगंज और लाइन बाजार थाने में आपराधिक मुकदमे दर्ज हुए थे। सबसे ज्यादा मुकदमे दीदारगंज में दर्ज हुए थे। उमाकांत यादव पर फूलपुर, अहरौला, दीदारगंज में गैंगस्टर एक्ट के तहत भी कार्रवाई हुई थी।

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