वाराणसी स्थित संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय की गौरव गैलरी काशी की विभूतियों का साक्षात्कार कराएगी। विश्वविद्यालय के मुख्य भवन में 232 वर्षों के इतिहास के साथ ही काशी की गौरव गाथा से भी रूबरू होने का मौका मिलेगा। पर्यटन के नए केंद्र के रूप में विश्वविद्यालय के मुख्य भवन को विकसित करने की तैयारियां चल रही हैं।
इंटैक ने इसके लिए 15 करोड़ दो हजार रुपये की परियोजना का प्रस्ताव तैयार किया है। प्रदेश पर्यटन मंत्री ने कार्ययोजना को धरातल पर उतारने का भरोसा दिलाया है। संस्कृत विश्वविद्यालय के मुख्य भवन को गौरव गैलरी के रूप में विकसित करने के लिए संस्कृति एवं पर्यटन विभाग को कार्ययोजना भेजी गई है।
पुरातत्व संग्रहालय का निर्माण होगा
विभाग की हरी झंडी मिलने के बाद ही इस दिशा में कार्य शुरू हो जाएगा। पर्यटन विभाग से अनुमोदन होने के बाद धन स्वीकृति के लिए केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय को इसे भेजा जाएगा। गौरव गैलरी में विश्वविद्यालय के 232 सालों के इतिहास को आम जनमानस के लिए सजीव किया जाएगा। ऐतिहासिक मुख्य भवन को गौरव गैलरी का स्वरूप देने के लिए इंटैक ने 15 करोड़ दो हजार रुपये की परियोजना संस्कृति एवं पर्यटन विभाग को भेजी है। इसके तहत पुरातत्व संग्रहालय का निर्माण कराया जाएगा।
साथ ही गैलरी में पद्म पुरस्कार, राष्ट्रपति पुरस्कार और मूर्तिदेवी पुरस्कार से सम्मानित विभूतियों को भी स्थान दिया जाएगा। विश्वविद्यालय के ऋ षि तुल्य पूर्व आचार्यों के व्यक्तित्व कृतित्व को भी प्रदर्शित किया जाएगा, जिससे कि पूरा समाज उनके योगदान के बारे में जान सके।