बॉलीवुड में कोई एक्टर बनने के लिए आए और वहां के स्थापित कलाकारों से उसे मदद मिली हो ऐसे कम ही किस्से सुनने को मिलते हैं। मगर, अभिनेता जितेंद्र की जिंदगी से एक ऐसा दिलचस्प किस्सा जुड़ा हुआ है। जब वह बॉलीवुड में फिल्म तलाश रहे थे तब काका यानी दिवंगत अभिनेता राजेश खन्ना उनके लिए मददगार बने। उन्होंने जितेंद्र के पहले स्क्रीन टेस्ट के लिए खास तैयारी कराई। इसका बेहद रोचक किस्सा आज हम आपसे साझा करने जा रहे हैं।
बता दें कि पंजाब में जन्मे अभिनेता जितेंद्र का वास्तविक नाम रवि कपूर है। जितेंद्र कपूर ने अपनी हाई हाई स्कूल की पढ़ाई मुंबई में राजेश खन्ना के साथ की। दोनों के बीच अच्छी दोस्ती थी। यही वजह रही की राजेश खन्ना ने जितेंद्र के पहले स्क्रीन टेस्ट में उनकी खूब मदद की। रिपोर्ट्स के मुताबिक राजेश खन्ना ने स्क्रीन टेस्ट से पहले जितेंद्र को पूरे दिन अपने सामने बिठाकर डायलॉग रटवाए थे।
दरअसल, जितेंद्र की मुलाकात निर्देशक वी शांताराम से हुई थी। इन्होंने फिल्म ‘सहरा’ (1963) के सेट पर जितेंद्र को करीब से देखा था। उस समय जितेंद्र एक जूनियर आर्टिस्ट के रूप में काम कर रहे थे। निर्देशक यह देखकर हैरान रह गए थे कि एक पंजाबी लड़का शानदार मराठी बोल लेता है। इसके बाद वी शांताराम ने जितेंद्र को फिल्म ‘गीत गाया पत्थरों ने’ में बतौर लीड एक्टर कास्ट किया था। यह फिल्म साल 1964 में आई थी। बता दें कि इस फिल्म में जितेंद्र की जोड़ी डायरेक्टर वी शांताराम की बेटी राजश्री के साथ जमी थी।
अभिनेता जितेंद्र ने एक टीवी रियलिटी शो के दौरान खुद राजेश खन्ना से जुड़ा यह किस्सा साझा किया था। राजेश खन्ना को याद करते हुए जितेंद्र ने कहा था, ‘काका ने इंडस्ट्री को अपना जो योगदान दिया, काफी सराहनीय है। उन्हें ड्रामैटिक चीजें काफी पसंद थीं। कॉलेज में वह कई ड्रामा या प्ले में हिस्सा लेते थे। जब मैंने फिल्मों में कदम रखा और वी शांताराम ने मुझे पहले स्क्रीन टेस्ट के लिए बुलाया तो राजेश खन्ना ने मेरी उस समय काफी मदद की थी। जय हिंद कॉलेज की कैन्टीन में पूरा दिन बिठाकर राजेश खन्ना ने मुझे डायलॉग रटवाए थे। उन्होंने ही मुझे बताया था कि स्क्रीन टेस्ट में क्या बोलना है और कैसे बोलना है।’ राजेश खन्ना की दी गई ट्रेनिंग का ही कमाल था कि ‘गीत गाया पत्थरों ने’ के लिए जितेंद्र सलेक्ट कर लिए गए।
आशा खाबर / शिखा यादव