दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल राज्य की जनता को पीने योग्य स्वच्छ पानी उपलब्ध करा पाने में विफल साबित हो रहे हैं। लेकिन इसका ठीकरा वह हरियाणा सरकार पर फोड़ रहे हैं।
बिधूड़ी ने गुरुवार को एक बयान जारी कर कहा कि दिल्ली में पानी का संकट हल करने के लिए केजरीवाल सरकार ने अब तक घोषित योजनाओं पर खुद जमीनी तौर पर कोई काम नहीं किया है। दिल्ली सरकार ने पहले भी आरोप लगाया था कि हरियाणा से राजधानी को पूरा पानी नहीं मिल रहा लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली जल बोर्ड को इस पर फटकार लगाई थी और कहा था कि दिल्ली बार-बार दोषारोपण क्यों कर रही है। हरियाणा के मुख्यमंत्री भी दिल्ली को पूरा पानी देने की बात कह चुके हैं।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में पानी की मांग तो 1300 एमजीडी तक पहुंच चुकी है लेकिन पिछले सात सालों में पानी की सप्लाई 900 एमजीडी पर ही सीमित बनी हुई है। दिल्ली की आधी जनता को आज भी जल बोर्ड का पानी नहीं मिल रहा है। बाकी जनता या तो बूंद-बूद के लिए भटक रही है या फिर टैंकर माफिया के हाथों लुटने पर मजबूर है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जनवरी 2019 में हिमाचल में रेणुका और किशाऊ बांध से दिल्ली में पानी लाने के लिए समझौता किया गया था लेकिन उस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया। इसी तरह मुरादनगर से 150 एमजीडी पानी लाने की सहमति बनी थी लेकिन वहां भी दिल्ली सरकार कुछ नहीं कर पाई। इसके अलावा रैनीवैल और अंडरग्राउंड रिजर्वायर बनाकर पानी की सप्लाई करने का वादा भी झूठा साबित हुआ है। जुलाई 2019 में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पल्ला से वजीराबाद तक के 20 किमी. के इलाके में यमुना के किनारे गड्ढे खोदकर बारिश और बाढ़ का पानी रोकने की घोषणा की थी। इस योजना के नाम पर कंसलटेंट की नियुक्ति में भी लाखों रुपये खर्च हुए लेकिन नतीजा कोई नहीं निकला।