मुख्यमंत्री ने प्रदेश के ढांचागत विकास के लिए केन्द्रीय मंत्रियों से की भेंट
केंद्रीय मंत्री ने उत्तराखंड में बीएसएनएल के 1206 मोबाइल टावर की स्वीकृति प्रदान की है। प्रत्येक मोबाइल टावर की लागत 1 करोड़ रुपये आएगी। मुख्यमंत्री प्रदेश में मोबाइल नेटवर्क को मजबूत करने के लिए शनिवार को केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात की।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दिल्ली प्रवास पर हैं। वे उत्तराखंड के लिए केंद्रीय मंत्रियों से मिलकर ढांचागत सुविधाओं के विकास का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने आज नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्री, रेल, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना तकनीक अश्विनी वैष्णव से शिष्टाचार भेंट की।
उत्तराखंड में मोबाइल नेटवर्क को मजबूत करने के लिए मुख्यमंत्री के अनुरोध पर केंद्रीय मंत्री ने उत्तराखंड में बीएसएनएल के 1206 मोबाइल टावर की स्वीकृति दी है। प्रत्येक मोबाइल टावर की लागत 1 करोड़ रुपये आएगी। मुख्यमंत्री ने टनकपुर-देहरादून के मध्य एक जनशताब्दी रेल सेवा शुरू किये जाने का भी अनुरोध किया। रुड़की-देवबन्द रेल परियोजना के सम्बन्ध में राज्य सरकार की ओर से अब तक प्रदत्त अंशदान की धनराशि 296.67 करोड़ को अंतिम करते हुए 50 प्रतिशत अंशदान के सापेक्ष शेष देय धनराशि 99.01 करोड़ का भुगतान करने से राज्य सरकार को मुक्त करने का भी आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में कुमाऊं और गढ़वाल को जोड़ने के लिए देहरादून-काठगोदाम के मध्य चलने वाली एक मात्र रेल सेवा है। नेपाल बॉर्डर होने के कारण वहां के लिए लोगों का आवागमन टनकपुर से ही होता है। इसलिए कुमाऊं-गढ़वाल कनेक्टीविटी को और मजबूत करने के लिए टनकपुर-देहरादून मार्ग पर एक जनशताब्दी रेल को संचालित किया जाना जनहित में अत्यंत आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने टनकपुर बागेश्वर रेल लाइन को नैरोगेज के स्थान पर ब्रॉडगेज बनाये जाने, हरिद्वार- देहरादून रेल लाइन को डबल लेन बनाने, हर्रावाला रेलवे स्टेशन के आधुनिकीकरण, ऋषिकेश -उत्तरकाशी रेल लाइन और किच्छा -खटीमा रेल लाइन के निर्माण का भी अनुरोध किया। इनके संबंध में रेल मंत्री ने सहमति व्यक्त की। मुख्यमंत्री ने टनकपुर से दिल्ली के मध्य चलने वाली पूर्णागिरी जन शताब्दी की यात्रा अवधि को कम करते हुए 05-06 घंटों में यात्रा पूर्ण कराने के लिए आवश्यक व्यवस्था करने का भी अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रुड़की-देवबन्द रेल परियोजना के संदर्भ में राज्य सरकार द्वारा विगत में परियोजना लागत का 50 प्रतिशत वहन करने को प्रदत्त सहमति के क्रम में कुल परियोजना लागत रुपये 791.39 करोड़ के सापेक्ष उत्तराखंड राज्य के अब तक रुपये 296.67 करोड़ का अंशदान रेलवे को दिया जा चुका है।
मुख्यमंत्री धामी ने केंद्रीय रेल मंत्री से उत्तराखंड जैसे छोटे और पर्वतीय राज्य के सीमित वित्तीय संसाधनों को देखते हुए राज्य सरकार की ओर से अब तक प्रदत्त अंशदान की धनराशि को अंतिम करते हुए 50 प्रतिशत अंशदान के सापेक्ष शेष देय धनराशि 99.01 करोड़ का भुगतान करने से राज्य सरकार को मुक्त करने का अनुरोध किया।
आशा खबर /रेशमा सिंह पटेल