संयुक्त राष्ट्र समझौते के तहत यूक्रेन के बंदरगाह से हजारों टन मक्का शुक्रवार को तीन और जहाज लेकर रवाना हुए। रूस द्वारा यूक्रेन पर लगभग छह महीने पहले आक्रमण के बाद से अनाज के निर्यात के लिए मध्यस्थता सौदा धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है।
अनाज की जिन देशों को इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है, उन्हें खाद्यान्न प्राप्त करने में बड़ी बाधाएं हैं। आयरलैंड, ब्रिटेन और तुर्की के लिए रवाना जहाज ने युद्ध की शुरुआत के बाद से पहली बार काला सागर को पार किया।
तुर्की और संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता में रूस और यूक्रेन के बीच सौदे के तहत पहला जहाज इस सप्ताह की शुरुआत में अनाज लेकर लेबनान के लिए रवाना हुआ था। काला सागर क्षेत्र को दुनिया का ब्रेडबास्केट कहा जाता है, क्योंकि इस क्षेत्र में यूक्रेन और रूस गेहूं, मक्का, जौ और सूरजमुखी तेल के प्रमुख वैश्विक आपूर्तिकर्ता हैं, जो अफ्रीका, मध्य पूर्व और एशिया के कुछ हिस्सों में लाखों गरीब लोगों का भरण-पोषण करते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि अनाज के निर्यात ने वैश्विक खाद्य संकट को कम करने की उम्मीद जगाई है, लेकिन यूक्रेन जो अनाज निर्यात करने की कोशिश कर रहा है, उसका इस्तेमाल जानवरों के चारे के लिए किया जाता है, न कि लोगों के खाने के लिए। अनाज लेकर यूक्रेनी बंदरगाहों से रवाना जहाज उन मालवाहक जहाजों में शामिल थे, जो अनाज से लदे हुए थे लेकिन फरवरी के अंत में यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के कारण बंदरगाहों पर फंस गए थे।
आशा खबर /रेशमा सिंह पटेल