– नैंसी पेलोसी के ताईवान दौरे पर चीन की गुर्राहट और अफगानिस्तान में अमेरिका के टारगेटेड ड्रोन हमले के फैसले को भी दिया महत्व
पाकिस्तान से शुक्रवार को प्रकाशित अधिकांश समाचार पत्रों ने विदेशी फंडिंग मामले में पीटीआई को सरकार के जरिए चारों तरफ से घेरने की खबरें प्रमुखता से प्रकाशित की हैं। अखबारों ने लिखा है कि पीटीआई पर पाबंदी लगाने और इमरान खान को आजीवन चुनाव लड़ने से अयोग्य ठहराने के प्रयास तेज हो गए हैं। अखबारों ने बताया है कि मंत्रिमंडल ने विदेशी फंडिंग की जांच पड़ताल एफआईए से कराने की बात कही है। अखबारों ने बताया है कि कानून मंत्रालय सुप्रीम कोर्ट में रिफरेंस भेजने के लिए मसौदा कैबिनेट की बैठक में पेश करने की तैयारी कर रहा है। अखबारों ने बताया है कि पॉलिटिकल ऑर्डर 2002 के तहत कार्रवाई करने का फैसला मंत्रिमंडल ने लिया है।
अखबारों ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान का एक बयान छापा है जिसमें उन्होंने कहा है कि सरकार इलेक्शन कमीशन का इस्तेमाल कर रही है। डोरियां हिलाई जा रही हैं, अयोग्य ठहराने की बातें शुरू हो गई हैं। चुनाव आयोग ने अपनी हद से बाहर निकल कर फैसला दिया है। यह विदेशी फंडिंग नहीं है। विदेशों में रहने वाले पाकिस्तानियों ने पैसे दिए हैं। पैसे के बगैर राजनीतिक पार्टी नहीं चल सकती है।
अखबारों ने डॉलर की कीमत में गिरावट की खबरें देते हुए बताया है कि इसकी कीमत 224 रुपये हो गई है। स्टॉक मार्केट में बेहतरी की खबरें आ रही हैं और सोना भी सस्ता हुआ है। अखबारों ने विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो के जरिए विभिन्न देशों के विदेश मंत्रियों के साथ संपर्क करने और उनके साथ सहयोग बढ़ाने पर बल दिए जाने की खबरें भी दी हैं। अखबारों ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री हमजा शहबाज के निजी यात्रा पर लंदन जाने और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मुलाकात की खबरें भी दी हैं।
अखबारों ने नैंसी पेलोसी के ताईवान दौरे के बाद चीन के ताईवान को घेरने और सैन्य प्रशिक्षण तेज किए जाने की खबरें भी दी हैं। अखबारों ने बताया कि इस दौरे से चीन-अमेरिका के संबंधों में काफी कड़वाहट पैदा हो गई है। अखबारों ने अमेरिका के अफगानिस्तान में टारगेटेड ड्रोन हमले जारी रखने की घोषणा की खबरें दी हैं। अखबारों ने बताया है कि हमलों के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि अफगानिस्तान दोबारा अमेरिका के खिलाफ अलकायदा को पनाह तो नहीं दे रहा है। अखबारों ने बताया कि अल जवाहिरी के ड्रोन हमले में मारे जाने के बाद से तालिबान काफी परेशान है और अमेरिका को जवाब देने के प्रयास में जुटा हुआ है।
अखबारों ने व्यापारियों से बिजली बिल के साथ फिक्स सेल टैक्स वसूले जाने के सरकार के फैसले को 1 साल के लिए टाले जाने की खबरें भी दी हैं। अखबारों ने नैब संशोधन विधेयक सीनेट से पास होने की खबरें देते हुए बताया है कि विपक्ष ने हंगामा किया है और चेयरमैन डायस का घेराव करते हुए सदन से वाकआउट भी किया है। यह सभी खबरें रोजनामा पाकिस्तान, रोजनामा नवाएवक्त, रोजनामा खबरें, रोजनामा दुनिया, रोजनामा एक्सप्रेस, रोजनामा जंग के पहले पन्ने पर प्रकाशित की गई है।
रोजनामा दुनिया ने एक खबर दी है जिसमें बताया गया है कि भारत में संसद के दोनों सदनों में विपक्षी दलों के हंगामे की वजह से कार्यवाही को बार-बार रोकना पड़ रहा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार लोकसभा में गुरुवार के दिन जैसे ही स्पीकर ओम बिरला ने कार्रवाई शुरू की तो विपक्षी दल कांग्रेस पार्टी के सदस्यों ने सरकार पर मनमानी और सरकारी एजेंसियों का गलत इस्तेमाल करने आरोप लगाते हुए नारेबाजी और हंगामा शुरू कर दिया। स्पीकर ने नारेबाजी और हंगामे के बाद शून्यकाल की शुरुआत की जो तकरीबन 40 मिनट तक चला लेकिन फिर हंगामा बढ़ने की वजह से कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए रोकनी पड़ी।
रोजनामा खबरें ने एक खबर दी है जिसमें बताया गया है कि देशभर में दवाइयों की बेहद कमी हो गई है जिसकी वजह से लाखों मरीजों की जिंदगियों को खतरा पैदा हो गया है। अखबार ने बताया है कि 100 दवाइयों की बेहद कमी का सामना करना पड़ रहा है और 55 का स्टॉक खत्म हो गया है। अखबार ने बताया है कि शुगर, ब्लड प्रेशर, कैंसर, दिल, गुर्दों की दवाइयों की मुंहमांगी कीमत दुकानदार वसूल कर रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि दवाइयां मौजूद नहीं होने की वजह से उनकी कीमतों में वृद्धि हुई है। अधिकतर दवाइयां मल्टीनेशनल कंपनियों की हैं। अखबार ने बताया कि प्रधानमंत्री द्वारा गठित मॉनिटरिंग टीम ने इन्क्वायरी शुरू कर दी है।