राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को कहा कि आपराधिक मामलों में सांसद संसद सत्र चल रहा हो या अन्य किसी कारण से कानून प्रवर्तन एजेंसियों के सम्मन से बच नहीं सकते। कानून का पालन करने वाले नागरिकों के रूप में कानून और कानूनी प्रक्रिया का सम्मान करना हमारा कर्तव्य है।
राज्यसभा के सभापति ने आज यह व्यवस्था कांग्रेस की ओर से उठाए गए सवालों के जवाब में आई है। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय ने नेशलन हेराल्ड मामलें में पेश होने को कहा था। इस पर खड़गे ने सदन में सवाल उठाया था कि वे विपक्ष के नेता हैं और संसद का सत्र चल रहा है। वे पेशी पर सवाल नहीं उठा रहे लेकिन क्या उन्हें पेश होने के लिए कहने का यह ठीक समय है। इसको लेकर पीयूष गोयल ने कहा था कि सरकार जांच एजेंसियों के कामकाज में दखल नहीं देती हैं।
आज राज्यसभा सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि संसद के सदस्यों को अपने संसदीय कर्तव्यों को पूरा करने के लिए कुछ विशेषाधिकार दिए गए हैं। हालांकि आपराधिक मामलों में संसद सदस्य एक आम नागरिक से अलग नहीं हैं।
उन्होंने आगे कहा कि सांसदों के विशेषाधिकार के तहत उन्हें सत्र शुरू होने से 40 दिन पहले और बाद में दीवानी मामले में गिरफ्तार नहीं किया जा सकता। वहीं आपराधिक मामलों में सदस्यों को यह विशेषाधिकार प्रदान नहीं किए गए हैं। सांसदों के रूप में कानून और कानूनी प्रक्रियाओं का सम्मान करना हमारा अनिवार्य कर्तव्य है।
आशा खबर /रेशमा सिंह पटेल