लविवि से पहले एकेटीयू, इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (आईईटी), ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती भाषा विवि व पुनर्वास विवि में पहले से यह व्यवस्था प्रभावी है। लगभग सभी जगह शिक्षकों के लिए भी दस से पांच का ही समय निर्धारित है।
लखनऊ विश्वविद्यालय में बृहस्पतिवार से सभी शिक्षकों-कर्मचारियों की बायोमीट्रिक अटेंडेंस की शुरुआत हुई। हालांकि, आधी-अधूरी तैयारी और रजिस्ट्रार द्वारा जारी पत्र पर शिक्षकों में नाराजगी है।
उनका कहना है कि रजिस्ट्रार कार्यालय अपनी सीमा का उल्लंघन कर रहा है। जारी पत्र में यह भी स्पष्ट नहीं है कि शिक्षकों के लिए काम के घंटों की न्यूनतम सीमा कितनी है।
विवि प्रशासन का कहना है कि शिक्षकों के लिए एक सप्ताह में 40 घंटे काम का उल्लेख नियमों में है। इस हिसाब से उन्हें एक दिन में सात घंटे का समय (सुबह दस से शाम पांच बजे) निर्धारित हुआ है।
इस पर शिक्षक संघ का कहना है कि काफी शिक्षकों की कक्षाएं दस बजे से पहले भी लगती हैं। इसे लेकर स्थिति साफ करने की जरूरत है। उधर, कई विभागाध्यक्षाें ने अपने यहां शिक्षकों के साथ बैठक कर कहा है कि उन्हें न्यूनतम सात घंटे रहना ही है।
दूसरी ओर, लखनऊ विवि शिक्षक संघ (लूटा) ने रजिस्ट्रार द्वारा जारी पत्र को लेकर आपत्ति दर्ज कराई है। उन्होंने कहा है कि कुलसचिव कार्यालय अपनी सीमाओं का उल्लंघन करके डीन, हेड व शिक्षकों को आदेशित-निर्देशित कर रहा है। यह शिक्षकों की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला है। यह अनुचित एवं अवैधानिक है। लूटा ने कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय को पत्र भेजकर इस पर आवश्यक कार्रवाई की मांग की है। लूटा ने यह भी कहा है कि हमने एप्लस प्लस ग्रेड बिना बायोमीट्रिक अटेंडेंस के प्राप्त किया है। इस पर सभी को ध्यान देना चाहिए।
एकेटीयू, आईईटी, पुनर्वास में पहले से लग रही अटेंडेंस
लविवि से पहले एकेटीयू, इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (आईईटी), ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती भाषा विवि व पुनर्वास विवि में पहले से यह व्यवस्था प्रभावी है। लगभग सभी जगह शिक्षकों के लिए भी दस से पांच का ही समय निर्धारित है। विश्वविद्यालयों का कहना है कि उनके यहां अधिकतर कक्षाएं इसी बीच की हैं। अगर किसी शिक्षक की क्लास इससे पहले भी है तो उन्हें भी शाम पांच बजे तक रहना होता है।