मार्गों तक पानी पहुंच गया। निचले खेतों की सैकड़ों एकड़ फसलों में भी बाढ़ का पानी भर गया। पिछले 24 घंटे में गंगा के जलस्तर में 10 सेंटीमीटर की वृद्धि हुई, लेकिन एक दो दिन में इस बढ़े हुए जलस्तर से राहत मिल सकती है। क्योंकि हरिद्वार और बिजनौर बैराज से पानी का डिस्चार्ज कम हुआ है। हालांकि अभी किसी आबादी इलाके में बाढ़ की दस्तक नहीं हुई है। ग्रामीणों में इस बात की चिंता है कि गंगा का जलस्तर और बढ़ा तो पानी आबादी वाले इलाकों में पहुंच जाएगा।
कछला ब्रिज पर गंगा का जलस्तर सोमवार को 163.55 मीटर के निशान पर था। मंगलवार को जलस्तर 163.65 मीटर के निशान पर पहुंच गया। नरौरा से मंगलवार को लो फ्लड लेविल का डिस्चार्ज बना हुआ था। यह पानी रात से जिले के गंगा के तटीय इलाकों में पहुंचना शुरू हो गया। जिससे खेतों में पानी भर गया है।
सदर तहसील क्षेत्र के नगला पटिया, नगला अहेरिया, नगला निहाली, उढ़ेर और दतलाना में गन्ना और धान के खेतों में बाढ़ का पानी पहुंच गया है। लहरा सड़क पर भी पानी की दस्तक हुई है। गांव बस्तौली, शहबाजपुर, किसौल, सुन्नगढ़ी, देवकली, बरौना, गजौरा, घबरा के खेतों में बाढ़ का पानी पहुंच गया है। इससे किसान चिंतित हैं।
बस्तौली के किसान जयप्रकाश ने बताया कि गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। अभी तो निचले खेतों में ही पानी भरा है, लेकिन आने वाले समय में काफी दिक्कत हो जाएगी और रास्ते भी बंद हो जाएंगे। किसान खलील ने कहा कि गंगा का पानी पिछले तीन दिनों में लगातार बढ़ा है। रात के समय खेतों तक पानी पहुंच गया। गन्ना और धान की फसलों को क्षति नहीं होगी, लेकिन अन्य फसलों में पानी भरा तो क्षति हो जाएगी।
बैराजों से गंगा में छोड़ा गया पानी
– हरिद्वार से डिस्चार्ज- 73826 क्यूसेक।
– बिजनौर से डिस्चार्ज- 50167 क्यूसेक।
– नरौरा से डिस्चार्ज- 87492 क्यूसेक।
सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता अरुण कुमार ने बताया कि गंगा के जलस्तर में 10 सेंटीमीटर की और वृद्धि हुई है। राहत की बात यह है कि अब हरिद्वार और बिजनौर बैराज से डिस्चार्ज कम हुआ है। अभी किसी आबादी क्षेत्र में पानी नहीं पहुंचा है। केवल तटीय क्षेत्र तक ही पानी की दस्तक है। टीमें निगरानी कर रही हैं।
आशा खबर / शिखा यादव