केंद्रीय बैंक ने पिछले साल अगस्त में कहा था कि सरकार और संबंधित क्षेत्रीय नियामकों के परामर्श से बैंक, निवेश, बीमा, डाक के साथ पेंशन क्षेत्र के विवरण को शामिल करते हुए इसे व्यापक सूचकांक के रूप में तैयार किया गया है।
अर्थव्यवस्था में सुधार के साथ आरबीआई का समग्र वित्तीय समावेश (एफआई) सूचकांक मार्च, 2022 में बढ़कर 56.4 पर पहुंच गया। मार्च, 2021 में यह 53.9 था। केंद्रीय बैंक ने कहा, यह सूचकांक सभी मानदंडों में वृद्धि के साथ देश में विभिन्न क्षेत्रों में वित्तीय समावेशन की स्थिति को बताता है।
सूचकांक वित्तीय समावेश के विभिन्न पहलुओं पर शून्य और 100 के बीच जानकारी देता है। इसमें शून्य वित्तीय समावेश की कमी को बताता है, जबकि 100 पूर्ण वित्तीय समावेश का संकेत है। केंद्रीय बैंक ने पिछले साल अगस्त में कहा था कि सरकार और संबंधित क्षेत्रीय नियामकों के परामर्श से बैंक, निवेश, बीमा, डाक के साथ पेंशन क्षेत्र के विवरण को शामिल करते हुए इसे व्यापक सूचकांक के रूप में तैयार किया गया है।
तीन प्रमुख मानदंडों पर बनाया गया है सूचकांक
एफआई सूचकांक में तीन प्रमुख मानदंडों को शामिल किया गया है। ये मानदंड हैं…पहुंच (35 फीसदी), उपयोग (45 फीसदी), गुणवत्ता (20 फीसदी)। इनमें से प्रत्येक में विभिन्न आयाम शामिल हैं, जिनकी गणना कई संकेतकों के आधार पर की जाती है। वित्तीय समावेश सूचकांक को बिना किसी आधार वर्ष के तैयार किया गया है।
बैंक ऑफ इंडिया का फायदा 22% घटा
बैंक ऑफ इंडिया का मुनाफा अप्रैल-जून तिमाही में 22 फीसदी घटकर 561 करोड़ रुपये रह गया है। एक साल पहले यह 720 करोड़ था। बैंक का ग्रॉस एनपीए 13.51% से कम होकर 9.30% और शुद्ध एनपीए 2.21% रहा।
अगुस्ते भारत में विश्व बैंक के कंट्री निदेशक
अर्थशास्त्री अगुस्ते तानो कुआमे भारत में विश्व बैंक के नए कंट्री निदेशक नियुक्त हुए हैं। वह जुनैद कमाल अहमद की जगह लेंगे। कुआमे ने कहा, विश्व बैंक को 75 से अधिक वर्षों से भारत की विकास उपलब्धियों का समर्थन करने का सौभाग्य मिला है।
आशा खबर / उर्वशी विश्वकर्मा