उप्र विधान परिषद की रिक्त दो सीटों पर हो रहे उपचुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) की उम्मीदवार को पर्चा खारिज हो गया है। जांच में सपा उम्मीदवार द्वारा दाखिल पर्चे में उनकी उम्र निर्धारित आयु से कम है। विधान परिषद चुनाव के लिए 30 साल की आयु का होना जरूरी है। इसके बाद अब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दोनों उम्मीदवारों की निर्विरोध जीत का रास्ता साफ हो गया है।
उप्र में विधान परिषद उपचुनाव (एमएलसी) की दो सीटों के लिए 11 अगस्त को मतदान होना था। सपा उम्मीदवार का पर्चा खारिज होने से अब मतदान नहीं होगा। उल्लेखनीय है कि विधान परिषद चुनाव में भाजपा ने धर्मेन्द्र सिंह सैंथवार और निर्मला पासवान को उतारा है। जबकि सपा ने सोमवार को नामांकन के अंतिम दिन एक सीट के लिए आदिवासी समाज से आने वाली कीर्ति कोल को उम्मीदवार बनाते हुए पर्चा दाखिल कराया था। नामांकन के दौरान ही उनके सपा अध्यक्ष की नामौजूदगी को लेकर ही सवाल खड़े हो गए थे। इसके बाद मंगलवार को उनके नामांकन पर्चा की जांच में बड़ी गलती निकलकर सामने आई। सपा उम्मीदवार की उम्र ही चुनाव लड़ने के लिए कम पाई गई। इसके बाद उनका नामांकन रद्द कर दिया गया है। सपा हाईकमान की ओर से नामांकन में इतनी बड़ी चूक को लेकर चर्चाओं को दौर शुरू हो गया है।
पार्टी नेताओं में मची खलबली
सपा उम्मीदवार कीर्ति कोल का एमएलसी चुनाव में नामांकन पत्र रद्द होने की खबर मिलते ही पार्टी हाईकमान में खलबली मच गई है। मामले में सपा प्रवक्ता अनुराग भदौरिया का कहना है कि मामले में अभी कुछ कह पाना जल्दबाजी होगी। वह इसकी जांच व पर्चा में गलती देखने के बाद ही कुछ बता पाएंगे। फिलहाल यह पता चला है कि पर्चा में दो जगह कटिंग हुई है। उसको देखने के बाद ही वह आगे बताएंगे।
आशा खबर / शिखा यादव