सरगना विजयकांत को एक दिन पहले एसटीएफ ने उसके दो साथियों दिनेश कुमार यादव व सोनू कुमार के साथ पकड़ा था। सूत्रों का कहना है कि मुकदमा लिखकर गिरफ्तार किए जाने से पहले उनसे फाफामऊ थाने में विस्तृत पूछताछ हुई।
लेखपाल भर्ती परीक्षा में सॉल्वर गिरोह के भंडाफोड़ में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पता चला है कि सोरांव से पकड़े गए सॉल्वर गिरोह के सरगना विजयकांत पटेल को प्रश्नपत्र की आंसर-की कौशाम्बी स्थित इंटर कॉलेज के लेक्चरर ने भेजी थी। दो अन्य लोगों की संलिप्तिता भी सामने आई है। तीनों को वांछित कर एसटीएफ के साथ ही फाफामऊ पुलिस भी उनकी तलाश में जुट गई है।
सरगना विजयकांत को एक दिन पहले एसटीएफ ने उसके दो साथियों दिनेश कुमार यादव व सोनू कुमार के साथ पकड़ा था। सूत्रों का कहना है कि मुकदमा लिखकर गिरफ्तार किए जाने से पहले उनसे फाफामऊ थाने में विस्तृत पूछताछ हुई। इस दौरान कई चौंकाने वाले खुलासे हुए। पता चला कि विजयकांत को लेखपाल भर्ती परीक्षा प्रश्नपत्र की आंसर-की लेक्चरर समर सिंह यादव ने उपलब्ध कराई थी। वह मूल रूप से फूलपुर का रहने वाला है और वर्तमान समय में कौशाम्बी के एक सरकारी कॉलेज में तैनात है।
हालांकि विजयकांत कॉलेज का नाम नहीं बता पाया। इसके अलावा यह भी बताया कि इस गिरोह को प्रश्नपत्रों की आंसर-की उपलब्ध कराने का काम किशनलाल पुत्र उमेशचंद्र भी करता है। वह मूल रूप से बहरिया के अतनपुर का रहने वाला है। इस खुलासे के बाद से पुलिस टीमें दोनों के बारे में पता लगाने में जुट गई हैं। लेक्चरर के बारे में पता लगाया जा रहा है कि वह कौन से कॉलेज में तैनात है और फूलपुर में किस गांव का रहने वाला है। उधर, किशनलाल के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है।
0 गिरोह के पकड़े गए सदस्यों से पूछताछ में कई अन्य अहम जानकारियां भी मिलीं।
0 सरगना विजयकांत ने बताया कि आंसर-की उपलब्ध कराने के लिए कौशाम्बी स्थित कॉलेज का लेक्चरर और किशनलाल मोटी रकम वसूलते थे।
0 वह आंसर-की के हर सेट के दो लाख रुपये वसूलते थे।
0 इसमें प्रश्नपत्र आउट कराकर इसे सॉल्व कराने का भी खर्चा शामिल है।
0 केंद्र प्रबंधन से सांठगांठ कर वह परीक्षा शुरू होेने के कुछ देर बाद ही प्रश्नपत्र मंगा लेते थे।
0 इसके बाद सॉल्वर से इसे सॉल्व कराकर प्रश्नपत्र सेट के आधार पर अलग-अलग आंसर-की तैयार करते।
0 फिर यही आंसर-की नकल माफिया गिरोह को भेजी जाती।
कौशाम्बी के लेक्चरर व किशनलाल ने सरगना विजयकांत को तीन सेट के प्रश्नपत्र की आंसर-की उपलब्ध कराई थी। इनमें ए, सी व जी सेट की आंसर की शामिल है। पकड़े जाने के दौरान जब विजयकांत के व्हाट्सएप अकाउंट को चेक किया गया तो चैट में आंसर-की मिली।
सूत्रों का कहना है कि पकड़े जाने के दौरान तलाशी व जांच पड़ताल की गई तो पता चला कि सरगना विजयकांत के मोबाइल में ढेरों परीक्षार्थियों के प्रवेश पत्र व जीडीएस परीक्षा से संबंधित प्रपत्रों की भी सॉफ्ट कॉपी मौजूद थी। हालांकि उसने बचने के लिए इन्हें डिलीट कर दिया था। लेकिन जब एसटीएफ ने मोबाइल में रिसेंटली डिलीटेड फोल्डर चेक किया तो प्रवेश पत्र व अन्य प्रपत्र मिल गए।
सॉल्वर गिरोह के सदस्यों ने बताया कि बरामद ब्लूटूथ डिवाइस व ईयर बड दिल्ली से मंगाए गए थे। यह काम प्रशांत नाम का युवक करता है। वह इससे पहले भी गिरोह को उपकरणों की सप्लाई कर चुका था। लेखपाल परीक्षा के लिए भी उसने कुछ दिन पहले ही उपकरण मंगाए थे।
एसटीएफ अफसरों ने बताया कि सरगना व उसके अन्य दोनों साथी एक ब्रेजा कार में बैठकर वाराणसी, कानपुर में बैठे परीक्षार्थियों को पेपर सॉल्व करा रहे थे। पूछने पर विजयकांत ने इस कार को अपना बताया। हालांकि मांगने पर वह दस्तावेज नहीं दिखा पाया। इस पर कार को कब्जे में लेकर थाने लाया गया जहां इसे एमवी एक्ट में सीज कर दिया गया।