विश्व हिन्दू परिषद (विहिप)- गोरक्षा भारतीय गोवंश रक्षण संवर्धन परिषद की केंद्रीय कार्यकारिणी सदस्य एवं दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रो. डॉ. शुचि वर्मा तीन दिवसीय गुवाहाटी प्रवास पर 20 मई को पहुंचेंगी। वे आगामी 22 मई तक गुवाहाटी में रहेंगी।
20 मई, शुक्रवार को डॉ. शुचि गुवाहाटी आईआईटी में आयोजित एक व्याख्यानमाला में गाय के गोबर से बॉयोमास, बॉयो-डिग्रेडेबल प्लॉस्टिक में बदलने के तरीके पर अपना विस्तृत अध्ययन प्रस्तुत करेंगी। बॉयो-डिग्रेडेबल प्लॉस्टिक सिंथेटिक प्लास्टिक के स्थान पर एक अच्छा विकल्प है, जिसे देश में चीन से निर्यात किया जाता है।
विहिप-गोरक्षा के उत्तर पूर्व प्रांत, असम की संरक्षिका तारावती शर्मा ने गुरुवार को बताया है कि डॉ. वर्मा का मानना है कि सभी गौशालाओं को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए हमें अनुसंधान प्रयोगशालाओं और छोटे पैमाने के प्रायोगिक संयंत्रों को विकसित करने की आवश्यकता है। उनका कहना है कि गाय के गोबर से न केवल प्लॉस्टिक का उत्पादन किया जा सकता है, बल्कि जैव- तकनीकी प्रक्रिया के माध्यम से सीधे अन्य पेट्रो रसायन उत्पाद में परिवर्तित हो सकते हैं, जिससे गोवंश का रक्षण संवर्धन होगा और गौशालाएं स्वावलंबी तथा आत्मनिर्भर बनेंगी।
डॉ. वर्मा 21 मई को मां कामाख्या का दर्शन, दोपहर के समय गौशाला दर्शन तथा गौशाला समिति के सदस्यों के साथ बैठक में हिस्सा लेंगी। 22 मई की दोपहर को विहिप प्रांत गोरक्षा प्रमुख सुरेंद्र गोयल के आवास पर गोप्रेमी एवं गोभक्त महिलाओं के साथ डॉ. वर्मा बैठक में शामिल होंगी।
इस दौरान वे गोसेवा, गो संरक्षण, गो संवर्धन के द्वारा अनेक देशी गाय के पंचगव्य, गोबर, गोमूत्र, गो दुग्ध, गो दही और गोघृत के द्वारा मानव जीवन स्वस्थ आरोग्य और सम्पन्नता जीवन जीने की एवं अनेक गो उत्पाद की महत्वपूर्ण जानकारियों पर प्रकाश डालेंगी।