Income Tax Return: आईटीआर फाइलिंग के दौरान लोगों के बीच होम लोन के पुनर्भुगतान और एचआरए (Housing Rent Allowances) को लेकर कन्फ्यूजन रहता है। अक्सर लोग मानते हैं कि हैं कि दोनों में किसी एक के लिए ही टैक्स में छूट की सुविधा ली जा सकती है। पर, सच्चाई यह है कि आप आयकर रिटर्न भरने के दौरान दोनों के लिए टैक्स में छूट की सुविधा क्लेम कर सकते हैं।
देश में आयकर रिटर्न (Income Tax Return) दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2022 है। सरकार ने अब तक इस तिथि को आगे बढ़ाने की कोई घोषणा नहीं की है। ऐसे में आयकर रिटर्न को समय से दाखिल कर लिया है जाए यह जरूरी है, क्याकि 31 जुलाई को आने में अब महज एक-दो दिन ही बचे हैं।
आयकर रिटर्न को लेकर आमतौर पर लोगों के पास विस्तृत जानकारी जानकारी नहीं होती है इसलिए अधिकांश लोगों को रिटर्न दाखिल करने के लिए किसी पेशेवर व्यक्ति की मदद लेनी पड़ती है। आईटीआर फाइलिंग के दौरान लोगों के बीच होम लोन के पुनर्भुगतान और एचआरए (Housing Rent Allowances) को लेकर कन्फ्यूजन रहता है। अक्सर लोग मानते हैं कि हैं कि दोनों में किसी एक के लिए ही टैक्स में छूट की सुविधा ली जा सकती है। पर, सच्चाई यह है कि आप आयकर रिटर्न भरने के दौरान दोनों के लिए टैक्स में छूट की सुविधा क्लेम कर सकते हैं।
आयकर कानून में इसके लिए प्रावधान किए हैं। ऐसे में अगर आप आयकर कानून के प्रावधानों के तहत एचआरए या होम लोन के पुनर्भुगतान पर एक साथ टैक्स में टूट का लाभ लेने के लिए एलिजिबल हैं तो आपको इस सुविधा का लाभ उठाते हुए टैक्स के मद में जाने वाली राशि में कटौती कर बचत करनी चाहिए। आइए जानते हैं तीन परिस्थितियों के बारे में जब आप एक साथ एचआरए और होम लोन दोनों पर ही टैक्स में छूट की सुविधा ले सकते हैं…
1. एक शहर में अपना घर हो और दूसरे शहर में किराए के मकान में रहते हों
ज्यादातर नौकरीपेशा लोगों का एक शहर में अपना मकान होता है और वे दूसरे शहर में किराए के मकान में रहकर नौकरी करते हैं। ऐसे लोग एचआरए और होम लोन के पुनर्भुगतान दोनों के एवज में टैक्स छूट का लाभ ले सकते हैं। अगर आप नौकरी के लिए किसी दूसरे शहर में किराए के मकान में रहते हैं और दूसरे शहर में आपका अपना मकान है तो आप एचएल के साथ-साथ होम लाेन की किश्त और ब्याज पर आयकर लाभ लेने का दावा रिटर्न भरने के दौरान कर सकते हैं। यहां एक बात ध्यान रखना जरूरी है कि इस सुविधा का लाभ आपको तभी मिल सकता है जब आप एक नौकरीपेशा हों और वेतन मद में भी आपको एचआरए मिलता हो।
2. एक ही शहर में अपना और किराए का मकान हो
दिन ब दिन शहर बड़े होते जा रहे हैं और शहरों का फैलाव ग्रामीण क्षेत्रों की ओर होता जा रहा है। ऐसे में ऑफिस जाने में होने वाली देरी से बचने के लिए कुछ नौकरी पेशा लोग शहर में अपना घर होने के बावजूद ऑफिस के पास किराए का घर लेकर रहते हैं। ऐसे लोग भी होम लोन डिडक्शन और एचआरए दोनों पर ही टैक्स छूट का लाभ ले सकते हैं। आप रिटर्न भरने के समय दोनों के तहत आयकर में छूट क्लेम कर सकते हैं। इस प्रावधान का लाभ भी आपको तभी मिल सकेगा जब आप यह साबित करें कि आपका वर्क प्लेस आपके स्वामित्व वाले घर से बहुत दूर है और आप किराए के मकान में रह रहे हैं। इस स्थिति में भी आप होम लोग डिडक्शन और एचआरए दोनों पर ही टैक्स छूट का लाभ लेना चाहिए।
3. अपना घर किराए पर देकर उसी शहर में किराए में रहते हों
किसी व्यक्ति के पास किराए के मकान में रहने के लिए ऊपर दिए गए कारणों के अलावा भी कई कारण हो सकते हैं जैसे परिवार का बड़ा होना, घर का छोटा होना, बच्चों का घर किराए के घर के पास होना आदि कारणों से भी लोग किराए के घर में रहने का विकल्प चुनते हैं। अगर आप भी ऐसे किसी कारण से किराए के मकान में रहते हैं तो आयकर रिटर्न भरते समय आप एचआरए और होम लोन डिडक्शन दोनों के लिए टैक्स में छूट का दावा कर सकते हैं।
होम लोन पर ऐसे मिलती है टैक्स में छूट
घर के लिए मिलने वाले लोन में मुख्य रूप से दो तरह की चीजें होती हैं- लोन का पूरा मूलधन और ब्याज की राशि। लोन के मूलधन पर आप आयकर की धारा 80C के तहत टैक्स में डिडक्शन का दावा कर सकते हैं। आयकर कानून के प्रावधानों के अनुसार 80C के तहत आप अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट हासिल कर सकते हैं जबकि लोन में शामिल ब्याज की राशि पर आप दो लाख रुपये तक की टैक्स छूट का लाभ ले सकते हैं।
आशा खबर / उर्वशी विश्वकर्मा