चंद्रशेखर आजाद सेतु की मरम्मत के दौरान लखनऊ-रायबरेली की ओर से शहर में आवागमन के लिए वैकल्पिक मार्ग के तौर पर बनाए गए पांटून पुलों को लेकर हद दर्जे की लापरवाही सामने आई है।
उपयोगिता खत्म होने के तीन महीने बाद भी फाफामऊ में बने पांटून पुलों को न खोले जाने की वजह से कई पीपे गंगा में बह गए हैं। शुक्रवार को सात पीपे बहकर दारागंज से आगे पहुंच गए। तीन सौ से अधिक चकर्ड प्लेटें भी नहीं उठ सकी हैं। वह भी गंगा की बाढ़ में किसी भी वक्त डूब सकती हैं।
चंद्रशेखर आजाद सेतु की मरम्मत के दौरान लखनऊ-रायबरेली की ओर से शहर में आवागमन के लिए वैकल्पिक मार्ग के तौर पर बनाए गए पांटून पुलों को लेकर हद दर्जे की लापरवाही सामने आई है। फाफामऊ सेतु की मरम्मत का काम पूरा होने के बाद बीती मई में ही पांटून पुलों की उपयोगिता खत्म हो गई थी। इसके बाद बी जब पांटून पुलों को नहीं खोला गया तब इसकी शिकायत एक्सईएन और अधीक्षण अभियंता से की गई।
फाफमऊ पांटून पुल में लगे पीपों के बहने के मामले की जांच कराई जाएगी। इसके लिए जिम्मेदार जेई और एई से जबाव तलब किया जाएगा। – रामाशंकर यादव, अधीक्षण अभियंता, प्रयागराज।