स्वामी अड़गड़ानंद महाराज के मिर्जापुर के सक्तेशगढ़ स्थित परमहंस आश्रम में गुरुवार को दूसरे बाबा को गोली मारने के बाद आत्महत्या करने वाले जीवन बाबा उर्फ जीत (45) ने वर्ष 1998 में मध्य प्रदेश के शिवपुरी में दीवान के बेटे की हत्या कर दी थी। इस मामले में वह ग्वालियर सेंट्रल जेल में बंद था। कुछ समय बाद वह वहां से फरार हो गया था। हत्या की वारदात के समय उसकी उम्र लगभग 21 वर्ष थी।
जीवन बाबा मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के ग्राम छितरी का रहने वाला था। उसका मूल नाम जितेंद्र वैश था। जितेंद्र के भाई भीम ने बताया कि पिता सीताराम पुलिस विभाग में कार्यरत थे। परिवार के लोग शिवपुरी पुलिस लाइन में रहा करते थे। भीम और शिवपुरी जिले के देहात कोतवाली प्रभारी विकास यादव ने बताया कि वर्ष 1998 में एक दिन एसपी आफिस में कार्यरत दीवान रामअवतार भदौरिया के बेटे संजू ने शराब के नशे में जितेंद्र के पिता की कॉलर पकड़ ली थी।
इससे भड़के जितेंद्र ने साथियों के साथ मिलकर पुलिस लाइन में चाकू से गोदकर संजू की हत्या कर दी। इस मामले में वह दो साल तक शिवपुरी जेल में रहा। इसके बाद जितेंद्र को ग्वालियर सेंट्रल जेल भेजा गया। दो साल यहां रहा और एक दिन जेल की चहारदीवारी फांदकर भाग गया।
पुलिस तलाश करती रही पर हाथ न लगा। इसके बाद जितेंद्र कभी-कभी परमहंस आश्रम आने-जाने लगा। कुछ दिन बाद आश्रम में ही रहने लगा। उसके खिलाफ शिवपुरी जिले के थानों में मारपीट के भी मुकदमे दर्ज हैं। छह माह पहले आशीष व अन्य पर तेल फेंकने के बाद उसे आश्रम से निकाल दिया गया था।
1998 में संजू भदौरिया की हत्या मामले में 12 लोग आरोपी थे। इसमें एक जितेंद्र वैश भी था। जितेंद्र (जीवन) को 2000 में सजा हुई थी। 2009 में वारंट भी जारी हुआ था।
स्वामी अड़गड़ानंद से मिला जीवन बाबा का परिवार
आश्रम में गोली कांड की जानकारी होने के बाद जीवन बाबा के चारों भाई धर्मेंद्र, राजेंद्र, भीम और अर्जुन शुक्रवार सुबह पांच बजे सक्तेशगढ़ स्थित आश्रम पहुंचे। वहां पर स्वामी अड़गड़ानंद महाराज से मिले।
बचपन से ही क्रोधी स्वभाव का था
जीवन बाबा बचपन से ही क्रोधी स्वभाव का था। वह कक्षा नौ फेल था। उसका पढ़ाई में मन नहीं लगता था। भाई भीम ने बताया कि इंस्पेक्टर के पुत्र की हत्या करने से पहले जीवन ने एक ठेले वाले पर पुलिस चौकी के अंदर बांके से वार कर दिया था। बताया कि वर्ष 2000 के आसपास जीवन बाबा एक ठेले पर चाट खाने गया था। वहां ठेले वाले ने किसी बात पर गाली दे दी। इस पर जीवन ने उसका ठेला पलट दिया था।
इस पर वहां ठेले वाले के लोगों ने जीवन की पिटाई की थी। इसके बाद ठेले वाला सिहोर थाना क्षेत्र के फिजिकल चौकी गया था। वहां बांका लेकर पहुंचे जीवन बाबा ने चाट वाले पर पुलिस चौकी के अंदर हमला कर दिया था। इस मामले में जीवन पर जानलेवा हमला करने का मुकदमा दर्ज हुआ था। भीम ने बताया कि जीवन बचपन से ही क्रोधी स्वभाव का था। वह गलत सहन नहीं कर पाता था।
आशा खबर / शिखा यादव