केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि भारत की सांस्कृतिक विरासत की धरोहर बाघ गति एवं शक्ति के प्रतीक हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में बाघों के संरक्षण में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। इसका सकारात्मक असर भी दिख रहा है। विश्व की कुल संख्या का लगभग 70 प्रतिशत बाघ भारत में रहते हैं।
केंद्रीय राज्यमंत्री चौबे शुक्रवार को महाराष्ट्र के चंद्रपुर फॉरेस्ट एकेडमी में आयोजित विश्व बाघ दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 2018 में ही देश ने अपने लक्ष्य से चार वर्ष पूर्व ही बाघों की संख्या दोगुनी करने वाले अपने संकल्प को पूरा कर लिया। देश में बाघों की अनुमानित संख्या 2,967 हैं।
समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव थे। केंद्रीय राज्यमंत्री चौबे ने कहा कि बाघ जंगल के साथ भारत की शान हैं। वहां उपस्थित लोगों से उन्होंने आह्वान किया कि बाघों के संरक्षण और संवर्धन का संकल्प लें तथा जनमानस में इसके प्रति जागरुकता फैलाएं। भारत में 52 में टाइगर रिजर्व हैं।
केंद्रीय राज्यमंत्री चौबे ने कहा कि वनों से हमारा लगाव सनातन काल से है। इसलिए तो जीवन मे भी वन हैं। वंदना में भी वन हैं। संवेदना में भी वन हैं। यह सावन का पवित्र माह चल रहा है। सावन में भी वन है। वन एवं वन्यजीव धरोहर हैं। उनका संरक्षण जरूरी है। केंद्रीय राज्यमंत्री चौबे ने गोद लिये बाघ का नामकरण अग्निवीर किया।
आशा खबर/रेशमा सिंह पटेल