आसमान में गरज चमक के दौरान कोशिश करें कि घर के बाहर न निकलें। बिजली गिरते वक्त अगर बाहर हैं तो किसी इमारत में शरण लें। अगर वहां बिल्डिंग नहीं हैं तो कार, किसी वाहन या कठोर परत वाली जगह के नीचे चले जाएं। पेड़ सुरक्षा का बेहतर विकल्प नहीं हैं, क्योंकि वे बिजली को अपनी ओर खींच सकते हैं। इसके अलावा कम से कम इलाके की सबसे ऊंचे वस्तु जैसे टावर से दूर रहें। पेड़ों से भी दूरी बनायें और ऐसे समय में खुले मैदान में ही कहीं झुककर बैठ जाना सबसे बेहतर होता है।
यह बातें गुरुवार को चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ एस एन सुनील पाण्डेय ने कही।
उन्होंने बताया कि इन दिनों जिस प्रकार का मौसम चल रहा है उससे आकाशीय बिजली गिरने की अधिक संभावना बनी हुई है। इससे बचने के लिए घरों पर रहने के दौरान भी खिड़कियों, दरवाजे और बरामदे में भी न जाएं। घर में किसी धातु के पाइप को भी न छुएं। हाथ धोने या शॉवर का उपयोग न करें। ऐसे वक्त बर्तन या कपड़े धोने का जोखिम भी न मोल लें। अगर किसी पानी वाली जगह हैं तो तुरंत बाहर निकलने की कोशिश करें। पानी में छोटी नाव, स्विमिंग पूल, झील, नदी या जल के किसी भी अन्य स्रोत में नाव आदि पर सवार हैं तो तुरंत वहां से निकल जाएं। जब आप बिजली के आवेश में आते हैं तो बाल या रोएं खड़े हो जाते हैं, ऐसे में तुरंत ही जमीन पर लेट जाएं। वज्रपात जानवरों के लिए भी खतरा है, पेड़ के नीचे बारिश से बचने को खड़े जानवरों पर अक्सर बिजली जानलेवा साबित होती है।
बताया कि बच्चों को बिजली के किसी भी उपकरण से दूर रखें। मोबाइल चार्ज या किसी अन्य उपकरण को प्लग करने के साथ उसका इस्तेमाल बिल्कुल न करें। ज्यादा देर तक बिजली कड़कती है तो स्थानीय राहत और बचाव एजेंसी से संपर्क साध सकते हैं। बिजली चली भी जाए तो भी इलेक्ट्रिक उपकरणों या स्विच को बार-बार न छुएं। बिजली के खंभों और टॉवरों से दूरी बरतें। वज्रपात की आशंका हो तो खुली जमीन पर न लेटें। वाहनों से निकल कर तुरंत सुरक्षित स्थानों पर जाएं। उसी छतरी का इस्तेमाल करें, जिसमें धातु की बजाय लकड़ी का हैंडल लगा हो। खुले आसमान के नीचे अकेले फंस गये हों तो गड्ढों या नीची चट्टानों की ओट लें। खुले मैदान में, जहां कोई पेड़ या ऊंची रचना न हो, वहां खड़े रहने की गलती न करें।
आशा खबर / शिखा यादव