सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता वाली बेंच आज (मंगलवार) अवैध उगाही के आरोपी सुकेश चंद्रशेखर की तिहाड़ जेल से दूसरे जेल में शिफ्ट करने की मांग पर सुनवाई करेगी। इससे पहले 13 जुलाई को कोर्ट ने सुकेश को निर्देश दिया था कि वह तिहाड़ जेल के उन अधिकारियों की लिस्ट दे जिन्हें उसने पैसा दिया है।
सुकेश चंद्रशेखर की ओर से कहा गया था कि उससे इस रकम की उगाही की गई थी। कोर्ट ने कहा था कि हम इस बात की तह तक जाएंगे कि उसने जेल से रैकेट चलाने के लिए रिश्वत दी या उससे उगाही की गई। 30 जून को सुनवाई के दौरान एएसजी एसवी राजू ने कहा था कि सुकेश जेल से ही वसूली का काम कर रहा है। जेल से उसने 300 करोड़ रुपये की उगाही की है। सख्ती होने पर वह ट्रांसफर की मांग करने लगा।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हम केस के गुण-दोष के आधार पर बात नहीं कर रहे हैं लेकिन उसे गुरुग्राम की कोर्ट में शिफ्ट क्यों नहीं शिफ्ट किया जा सकता। तब सुकेश के वकील आर बसंत ने कहा था कि उसे दिल्ली के बाहर किसी भी जेल में शिफ्ट किया जाए। यहां तक कि पोर्ट ब्लेयर भी शिफ्ट किया जा सकता है। तब राजू ने कहा था कि वह उगाही के कई मामलों में आरोपित है।
पिछले महीने 23 जून को ईडी ने सुकेश चंद्रशेखर को तिहाड़ जेल से मंडोली जेल शिफ्ट करने का प्रस्ताव दिया था। पहले की सुनवाई में ईडी ने कहा था कि तिहाड़ जेल में सुकेश चंद्रशेखर की जान को खतरा होने की दलील बेमानी है। ईडी की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि हकीकत तो यह है कि जेल में उससे मिलने के लिए मॉडल तक आती रही हैं। मॉडल से मिलने के लिए सुकेश ने जेल अधिकारियों को रिश्वत दी। ऐसे जेल अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। सुकेश ने कभी लॉ सेक्रेटरी तो कभी होम सेक्रेटरी बनकर लोगों को ठगा है। उसने जजों तक को कॉल किया। 20 जून को तुषार मेहता ने इस मामले में ईडी को पक्षकार बनाने की मांग की थी। ईडी अपना पक्ष रखना चाहआ है।
सुकेश की तिहाड़ जेल से दूसरी जेल में ट्रांसफर करने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि वो ये बताए कि सुकेश को किस जेल में ट्रांसफर किया जा सकता है। सुकेश रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटर शिवेंद्र सिंह की पत्नी अदिति सिंह से कथित तौर पर 200 करोड़ रुपये की ठगी के मामले में तिहाड़ जेल में बंद है। सुकेश के खिलाफ एआईएडीएमके सिंबल मामले में निर्वाचन आयोग को रिश्वत देने की कोशिश का मामला भी विचाराधीन है।
आशा खबर / उर्वशी विश्वकर्मा