भीलवाड़ा कलेक्ट्रेट में जनसुनवाई के दौरान अजीबो गरीब किस्सा सामने आया। एक महिला स्वयं को जिंदा होने का सबूत दे रही है। पर कोई सुनने को तैयार नहीं है। महिला का आरोप है कि भाईयों ने 13 साल पहले उसकी मौत का प्रमाण पत्र बनवाकर जमीन अपने नाम पर करा ली। अब वो स्वयं अपने जिंदा होने का प्रमाण पत्र पाने को भटक रही है। आरोपी भाईयों की जालसाजी पर भी पुलिस व प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। बाद में जिला कलेक्टर ने संज्ञान लेकर मामले में जांच के आदेश दिये है।
भीलवाड़ा कलेक्ट्रेट एक महिला पहुंच कर कहती है, मैं नर्बदा टेलर हूं। मेरी मौत नहीं हुई हैं, मैं जिंदा हूं। संपत्ति के फेर में अपनों की ओर से फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने से पीडित महिला कुछ ऐसी ही वेदना के साथ कलेक्ट्री परिसर पहुंची। जहां उसने 2008 में उसके कूटरचित दस्तावेज से फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाए जाने का खुलासा करते हुए न्याय की गुहार लगाई। नर्बदा की भीलवाड़ा के उपनगर पुर में पुश्तैनी संपदा है। हाल ही में उसे जानकारी मिली कि भाई-बहनों ने उसका मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा रखा है। नगर परिषद में कूटरचित-फर्जी दस्तावेज पेश कर 2 मई 2008 मृत्यु तिथि अंकित कर मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करा लिया। पीडिता ने पुलिस को भी परिवाद सौंपकर मुकदमा दर्ज करने के साथ ही कार्रवाई करने एवं कूटरचित दस्तावेज बरामद करने की मांग की।
महिला ने भीलवाड़ा कलेक्टर आशीष मोदी के सम्मुख पेश होकर डेथ सर्टिफिकेट के साथ गुहार लगाई कि साहब, मैं जिंदा हूं, मेरे परिजनों ने मेरा फर्जी डेथ सर्टिफिकेट बनाकर पूरी जायदाद हड़प ली। कृपया दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करिए। इधर, जिंदा महिला के कलेक्टर के सामने उपस्थित होने के बाद उन्होंने अधिकारियों को तुरंत जांच की कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
महिला नर्मदा देवी ने बताया, मेरे भाइयों ने ही मेरा मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा लिया जबकि मैं जिंदा हूं। जिसने भी मेरा यह डेथ सर्टिफिकेट बनवाया है उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। मुझे कोर्ट में कलेक्ट्रेट में सभी कहते हैं तुम तो मर गई हो। मैंने जब जमीन जायदाद की वसीयत की कापी निकलवाई तब पता लगा कि मुझे मृत घोषित कर रखा है। मुझे जिंदा होते हुए भी मरा हुआ घोषित करने का कारण प्रापर्टी है। मेरे भाइयों ने ऐसा किया है। मैं चाहती हूं कि मुझे मेरा हिस्सा मिले और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो।
महिला की बात सुनकर कलेक्टर आशीष मोदी खुद हैरान रह गए। महिला ने खुद के जिंदा होने की बात कहते हुए अपना डेथ सर्टिफिकेट रखकर पूरा दर्द बयां किया। साथ ही न्याय की गुहार लगाई। भीलवाड़ा के उपनगर की नर्मदा देवी टेलर ने बताया कि वह सन् 2005 से दिल्ली में काम कर रही हैं। उनके पांच भाई-बहनों ने मिलकर साल 2008 में उसका फर्जी डेथ सर्टिफिकेट बनवा लिया और उसके हिस्से की जमीन जायदाद हथिया ली।
महिला ने आरोप लगाया है कि वसीयतनामा उसके नाम करने के बाद भाइयों ने मां से भी मारपीट की। मारपीट सहित पूरा प्रकरण प्रताप नगर थाने में भी दर्ज कराया था, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद मैं बाहर चली गई। अब मुझे मेरे फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने की जानकारी मिली। कलेक्टर को पूरा प्रकरण बताया है। उन्होंने जांच का आश्वासन दिया, लेकिन कुछ हुआ नहीं है। चार माह से भटक रही हूं। राशि भी काफी खर्च कर चुकी हूं। अब फिर से पुलिस को रिपोर्ट दी है।
इस मामले में महिला ने पांच जुलाई को परिवाद दिया। इसके बाद 13 दिन बीत चुके हैं, लेकिन 11 किलोमीटर दूर पुर थाने तक परिवाद नहीं पहुंचा है। इससे भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं। इधर, मामले में पुर थानाप्रभारी शिवराज गुर्जर का कहना है कि अभी एसपी आफिस से महिला का परिवाद नहीं मिला है। परिवाद मिलने पर मुकदमा दर्ज कर लेंगे। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
कलेक्टर मोदी ने कहा, इस मामले में मैंने दो निर्देश दिए हैं, एक तो इसकी गहन जांच अधिकारियों के माध्यम से होगी। जिसमें जो पता दर्ज है डेथ सर्टिफिकेट में वहां जाकर इसकी जांच करेंगे और अगर ऐसा मामला पाया जाता है। जिसमें किसी दूसरी महिला के डेथ सर्टिफिकेट को यूज कर कर धोखाधड़ी की गई है तो तुरंत पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी। इसके लिए मैंने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दे दिए हैं।
आशा खबर / शिखा यादव