इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत देते हुए यह जमीन प्रशासन को कब्ज़े में लेने की अनुमति दी थी
आजम खान को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है। कोर्ट ने रामपुर प्रशासन को जौहर यूनिवर्सिटी की 13.8 हेक्टेयर जमीन पर कब्जा छोड़ने को कहा है। इससे पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आजम को जमानत देते हुए इतनी जमीन को प्रशासन को कब्ज़े में लेने की अनुमति दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने आज इलाहाबाद हाई कोर्ट की ओर से लगाई जमानत की इस शर्त को रद्द किया।
सुनवाई के दौरान 14 जुलाई को आजम खान की ओर से वकील कपिल सिब्बल ने यूपी सरकार पर सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि 27 मई को सुप्रीम कोर्ट ने राहत देते हुए जौहर यूनिवर्सिटी में यथास्थिति बनाये रखने का आदेश दिया था परन्तु सरकार ने यूनिवर्सिटी का रास्ता बंद कर दिया। यूपी सरकार ने इस आरोप को गलत बताया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर आजम खान को लगता है कि अवमानना हुई है, तो वो इसके लिए अर्जी दाखिल कर सकते हैं। इससे पहले एक केस में जमानत देते समय इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यूनिवर्सिटी की 13.8 हेक्टेयर ज़मीन प्रशासन को कब्ज़े में लेने की अनुमति दी थी लेकिन 27 मई को सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी।
आजम खान ने जौहर यूनिवर्सिटी की दो इमारतें गिराने की आशंका जताते हुए याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि जमानत देते समय इलाहाबाद हाई कोर्ट की तरफ से लगाई शर्त के मुताबिक करीब 13.8 हेक्टेयर ज़मीन प्रशासन ने कब्ज़े में ले ली है।
आशा खबर /रेशमा सिंह पटेल