अमेरिका के प्रत्यर्पण का सामना कर रहे विकीलीक्स के संस्थापक 50 वर्षीय जूलियन असांजे के समर्थकों ने उनकी रिहाई की मांग को लेकर ब्रिटेन के गृह कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। असांजे के समर्थन में पोस्टर और बैनर के साथ कई दर्जन प्रदर्शनकारियों ने उनकी रिहाई के लिए नारे लगाए। इस मौके पर असांजे की पत्नी स्टेला भी अपने दोनों बच्चों के साथ मौजूद रहीं।
असांजे की पत्नी स्टेला ने ब्रिटिश सरकार से विकीलीक्स के संस्थापक को रिहा करने की अपील की। उन्होंने कहा-‘उन्हें सही काम करना चाहिए। उन्हें प्रत्यर्पण को रोकना चाहिए। यह एक राजनीतिक मामला है और इसका एक राजनीतिक समाधान है।’ श्रम कानूनविद् और पूर्व शैडो सेक्रेटरी फॉर जस्टिस रिचर्ड बर्गन ने कहा कि असांजे के ‘राजनीतिक प्रत्यर्पण’ की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। यदि गृहमंत्री पक्ष में फैसला करते हैं, तो यह प्रेस की स्वतंत्रता को खतरा होगा तथा युद्ध अपराधों को उजागर करने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए चेतावनी के रूप में काम करेगा।
इससे पहले मंगलवार को असांजे के बचाव पक्ष ने ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल को उनके अमेरिका प्रत्यर्पण को रोकने के लिए एक अभ्यावेदन दायर किया था। गृहमंत्री प्रीति पटेल को यह फैसला करना है कि उन्हें अमेरिका को प्रत्यर्पण पर सौंपा जाए या नहीं। अप्रैल में ब्रिटेन के वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत ने औपचारिक रूप से असांजे के अमेरिका के प्रत्यर्पण को मंजूरी दी थी।
विकीलीक्स की स्थापना असांजे ने 04 अक्टूबर, 2006 को की थी। विकीलीक्स 2010 में अमेरिका की महत्वपूर्ण सैन्य सूचनाओं प्रकाशित कर सुर्खियों में आया। असांजे जमानत की शर्तों को तोड़ने पर 11 महीने की सजा काटने के बाद अक्टूबर, 2020 से दक्षिण पूर्व लंदन में अधिकतम सुरक्षा जेल में रिमांड पर हैं। वर्ष 2012 में अपनी जमानत शर्तों की मांग के अनुसार अदालत में पेश होने के बजाय असांजे ने लंदन में इक्वाडोर के दूतावास में शरण मांगी, जहां वह 2019 तक इस चिंता में रहे कि उन्हें अमेरिका को प्रत्यर्पित किया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि अमेरिका ने जूलियन असांजे के प्रत्यर्पण की मांग करते हुए उन पर जासूसी के 17 आरोप लगाए हैं। साथ ही एक आरोप कंप्यूटर के दुरुपयोग का भी है। अमेरिकी वकील का कहना है कि असांजे ने अमेरिकी सेना की खुफिया विश्लेषक चेल्सी मैनिंग के क्लासिफाइड डिप्लोमैटिक कैबिल्स को चुराया और इन सैन्य फाइलों को बाद में विकीलीक्स में प्रकाशित कर सार्वजनिक कर दिया। इससे कई लोगों का जीवन खतरे में पड़ गया।