सामाजिक संगठनों के समर्थन में आए बार एसोसिएशन और निजी स्कूल
विधायक के निवास का घेराव कर चुके हैं सामाजिक संगठन
क्षेत्र के उपमंडल चीका में टूटी हुई सड़कों से खफा होकर सामाजिक संगठन आंदोलन की राह पर चल पड़े। बुधवार को शहर के उधम सिंह चौक पर सड़कों की मरम्मत करवाने की मांग को लेकर संयुक्त सड़क सुरक्षा मोर्चा ने धरना शुरू कर दिया। सबडिवीजन बार एसोसिएशन ने वर्क सस्पेंड रखा और क्षेत्र के सभी प्राइवेट स्कूल आंदोलन के समर्थन में उतर आए।
उन्होंने बुधवार को सभी स्कूल बंद रखे। प्रदर्शनकारी लोगों का कहना है कि सरकार की करनी व कथनी में पूरी तरह अंतर दिखाई दे रहा है। यदि फिलहाल अन्य समस्याओं को दरकिनार कर केवल गुहला की जर्जर हो चुकी सड़क व्यवस्था की ही बात की जाए तो इससे जनता तो दुखी है ही, अलबत्ता अब यह मुद्दा सरकार के गले की भी फांस बन गया है।
नतीजतन ताजा स्थिति यह है कि लम्बे समय से टूटी हुई सड़कों की ना तो मरम्मत ही हो रही है और ना ही नई सड़कों का निर्माण हो रहा है और लोग हर रोज ना केवल टूटी-फूटी सड़कों से चोटिल हो रहे है। कई लोगों को तो अपनी जान से हाथ भी गंवाना पड़ा है।
पंजाब क्षेत्र के साथ लगते घग्घर पार इलाके के लोग तो अब सरेआम कहने लगे हैं कि अगर सरकार उनके क्षेत्र की सड़कें नहीं बना सकती तो उनके इलाके को पंजाब को सौंप दें। इससे अच्छा तो यह है कि उन्हें पंजाब में शामिल कर दिया जाए। चीका शहर से जिला मुख्यालय कैथल, पंजाब बार्डर, कुरुक्षेत्र व खरकां की तरफ जाने वाली सड़कों की इतनी खस्ता हालत है कि सड़कों पर कई-कई फीट के गहरे गड्ढे बन गए हैं। सड़कें पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई हैं। फोरलेन जगह-जगह से टूट चुकी है। शहर के अतिरिक्त यदि ग्रामीण सड़कों की बात की जाए तो वहां स्थित शहरों से भी बदहाल दिखाई दे रही है। ग्रामीणों का दावा है कि कई गांवों में तो सड़कों का नामोनिशान ही नहीं रहा है।
जजपा विधायक व डिप्टी सीएम के बयानों से हालात हुए खराब
क्षेत्र से जजपा विधायक ईश्वर सिंह गुहला चीका में सड़कों की खराब हालत को लेकर कई बार मंच से भी अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। ईश्वर सिंह का बयान आने के बाद डिप्टी सीएम और जजपा प्रमुख दुष्यंत चौटाला ने कहा था कि सड़कों पर जितना बजट गुहला चीका में लगा है। इतना प्रदेश में कहीं खर्च नहीं हुआ। इस प्रकार जजपा विधायक और डिप्टी सीएम के एक दूसरे के विरोधी बयान आने पर क्षेत्र में स्थिति हास्यास्पद बन गई। लोगों के पास अब सड़कें बनवाने के लिए सड़कों पर उतरने के अलावा कोई रास्ता नहीं बच गया है।
आशा खबर / शिखा यादव