प्रदेश सरकार के समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं पूर्व एटीएस आईजी असीम अरुण मंगलवार को फिर एनआईए कोर्ट में बयान दर्ज कराने पहुंचेंगे। उनके यह बयान एक हत्या और आतंकी गतिविधियों के मामले में होने हैं। सोमवार को भी उनकी पेशी हुई थी लेकिन समय कम होने के चलते उनका बयान पूरा नहीं पाया था।
दरअसल, एनआईए के विशेष लोक अभियोजक के अनुसार वर्ष 2017 को लखनऊ में संदिग्ध आतंकी सैफुल्लाह एनकाउंटर में मारा गया था। सैफुल्लाह के घर से आठ रिवाल्वर व बुलेट बरामद हुए थे। इनमें से एक रिवाल्वर से 24 अक्टूबर, 2016 को कानपुर में जूनियर हाईस्कूल के प्राचार्य रमेश बाबू शुक्ला की हत्या हुई थी। मृतक के बेटे ने थाना चकेरी में अज्ञात में दर्ज एफआईआर दर्ज कराई थी। विवेचना के दौरान हत्या में सैफुल्लाह के अतिरिक्त अभियुक्त आतिफ मुजफ्फर, नसीम एवं फैसल के नाम सामने आए। पुलिस का दावा है कि हत्या वाली जगह पर इनके मोबाइल की लोकेशन मिली थी। इस बीच इस मामले की जांच एनआईए को मिल गई थी।
इसी मामले में अभियोजन पक्ष के अनुरोध पर एनआईए के विशेष न्यायाधीश ने गवाही पूरी करने के लिए असीम अरुण को मंगलवार की सुबह फिर कोर्ट में बुलाया है। इससे पहले आरोपित फैजल और आतिफ के वकील ने मामले में अरुण से जिरह की थी।
आशा खबर / शिखा यादव