– 51 कैदी प्राप्त कर रहे विभिन्न कक्षाओं में शिक्षा
जेल शब्द जेहन में आते ही एक सभ्रांत नागरिक के शरीर में सिहरन सी दौड़ जाती है। आमतौर पर जेल में आपत्तिजनक सामग्री बरामद होने व अराजकता का माहौल बने रहने की खबरें आती रहती हैं।
इसके इतर झांसी जेल से एक सुखद समाचार भी है। जिन हाथों ने कभी किसी की हत्या थी, किसी के साथ लूटपाट की घटना को अंजाम दिया था। कारागार में अपने किए की सजा पा रहे ऐसे ही कैदी आज कलम उठाकर अपनी किस्मत बदलने का काम कर रहे हैं। झांसी जेल में निरुद्ध ऐसे 51 कैदी यहां विभिन्न कक्षाओं में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।
विद्या ददाति विनयं अर्थात विद्या विनम्रता प्रदान करने का कार्य करती है। इस तर्ज पर जिला कारागार में कैदियों की किस्मत बदलने का काम किया जा रहा है। जिला कारागार के रिकॉर्ड के अनुसार 9 कैदियों ने इस वर्ष पुलिस लाईन में स्थित बेसिक प्राइमरी पाठशाला से 5वीं कक्षा पास की है। 9 कैदियों ने तालपुरा स्थित हाई स्कूल से 8वीं कक्षा पास की है। वहीं, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय ओपन विश्वविद्यालय (इग्नू) से 10 कैदियों ने बीए और एमए की परीक्षा दी है। इनमें बीए फर्स्ट ईयर के 3, सेकेंड ईयर का 1, थर्ड ईयर के 5 तथा एमए द्वितीय वर्ष का 1 कैदी शामिल हैं।
23 कैदी कर रहे सर्टिफिकेट कोर्स
इग्नू से ही 23 कैदी यहां से सर्टिफिकेट प्रोग्राम भी कर रहे हैं। यह सभी 23 कैदी मुख्यतः दो प्रकार के सर्टिफिकेट कोर्स कर रहे हैं। पहला सर्टिफिकेट इन ह्यूमन राइट्स और दूसरा सर्टिफिकेट इन फूड एंड न्यूट्रीशन। जेल अधीक्षक की मानें तो इस प्रकार के कोर्स करने से रोजगार के अवसर खुलते ही हैं,कैदियों में एक उद्देश्य पूर्ण जीवन के प्रति जागरूकता भी आती है। वह अपने अधिकारों के प्रति भी जागरूक होते हैं।
अन्य कैदियों को भी शिक्षा के लिए किया जाएगा प्रेरित
जेल अधीक्षक रंग बहादुर पटेल ने बताया कि जेल का मूल कार्य सजा देना नहीं बल्कि लोगों को सुधारना है। इसीलिए इसका नाम सुधार गृह है। समाज में अपने पथ से भटक कर गलत रास्तों पर चल पड़े व्यक्तियों को उनके व्यक्तित्व में बदलाव करके उन्हें मुख्यधारा में जोड़ने का काम यहां किया जाता है। इसके लिए सबसे प्रभावी तरीका शिक्षा ही है। वर्तमान में 51 कैदी यहां से शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। अन्य कैदियों को भी शिक्षा ग्रहण करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। भविष्य में यह संख्या बढ़ने की आशा दिखाई दे रही है।
आशा खबर /रेशमा सिंह पटेल