- सिपाही भर्ती के अभ्यर्थी की लंबाई कम दर्ज करने का मामला
- मुख्य न्यायमूर्ति की बेंच कर रही है स्पेशल अपील की सुनवाई
- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सिपाही भर्ती-2015 के अभ्यर्थी की अपील पर पुलिस भर्ती बोर्ड के सीसीटीवी फुटेज की जांच कराने का आदेश दिया है। जांच करने का निर्देश लखनऊ के पुलिस कमिश्नर को दिया गया है। कोर्ट ने निर्देश दिया है कि पुलिस कमिश्नर, लखनऊ जांच की रिपोर्ट हलफनामे के साथ कोर्ट में प्रस्तुत करेें।
यही नहीं कोर्ट ने याची को निर्देश दिया है कि वह इसके लिए पैसा जमा करे। याची अपीलार्थी का कहना था कि उसे बार-बार कम लंबाई बताकर फेल घोषित किया गया। जबकि उसने सरकारी नाप कराई है और उसकी लंबाई 168 सेंटीमीटर है।
मानक से कम लंबाई के आधार पर सिपाही भर्ती-2015 के अभ्यर्थी को बार-बार अचयनित घोषित करने की सच्चाई जानने के लिए मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली हाईकोर्ट की खंडपीठ ने भर्ती प्रक्रिया के दौरान सीसीटीवी में कैद फुटेज की जांच के निर्देश दिए हैं। सिपाही भर्ती-2015 के अभ्यर्थी रवि प्रताप भारद्वाज द्वारा दाखिल स्पेशल अपील की सुनवाई चीफ जस्टिस और जस्टिस जेजे मुनीर की खंडपीठ कर रही है।
अपीलार्थी का कहना था कि उसकी लंबाई सरकारी अस्पताल में कराई गई नाप मानक के अनुरूप 168 सेंटीमीटर है। जबकि हाईकोर्ट के आदेश पर लंबाई की पुन: नाप के लिए भर्ती बोर्ड द्वारा गठित परीक्षण दल द्वारा अपीलार्थी की लंबाई बार-बार अनुचित ढंग से 167.5 सेंटीमीटर दर्ज की गई। इसके विरुद्ध अपीलार्थी द्वारा परीक्षण दल की रिपोर्ट पर परीक्षा के दिन ही लिखित आपत्ति दर्ज की गई थी।
नियमानुसार परीक्षण दल को अपीलार्थी की आपत्ति पर विचार करते हुए लंबाई की नाप अपीलीय बोर्ड से करानी चाहिए थी। लेकिन बोर्ड द्वारा सेवा नियमावली में दी गई भर्ती प्रक्रिया के विपरीत अपीलीय बोर्ड से जांच नही करवाई गई और अवैधानिक तथा मनमाने तरीके से दोबारा अचयनित घोषित कर दिया।
अदालत ने शारीरिक मानक परीक्षा स्थल पर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज की जांच का आदेश देते हुए लखनऊ के पुलिस कमिश्नर को 30 अगस्त तक जांच रिपोर्ट हलफनामे के साथ दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। याची को इस जांच कराने के एवज में बीस हजार रुपये जमा करने होंगे।
आशा खबर / शिखा यादव