मप्र में फिलहाल मौसम मेहरबान है। बीते तीन-चार दिन से राजधानी भोपाल समेत प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में झमाझम वर्षा का दौर जारी है। नदी नाले उफान पर आने से कई हाईवे और मार्ग बंद हो गए हैं और कई शहरों-गांवों का संपर्क टूट गया है। रोजाना हो रही वर्षा ने मौसम पूरी तरह बदल दिया है और तापमान में काफी गिरावट आ गई है।
मौसम विभाग के मुताबिक फिलहाल वर्षा से राहत के आसार नहीं हैं। 19 जुलाई तक मौसम के ऐसे ही बना रहेगा। नर्मदापुरम संभाग के लिए रेड और भोपाल, उज्जैन संभागों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। वहीं सात संभागों और दो जिलों में बिजली गिरने और चमकने की चेतावनी जारी करते हुए येलो अलर्ट जारी किया गया है।
वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक ममता यादव ने हिस को जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान में कई वेदर सिस्टम एक्टिव है। वर्तमान में दक्षिणी ओड़ीशा तट के पास निम्न दाब क्षेत्र और अधिक प्रभावशाली होकर सुस्पष्ट निम्न दाब क्षेत्र के रूप में संयुग्मित चक्रवातीय परिसंचरण के साथ सक्रिय है, जो समुद्र तल से 7.6 किमी की ऊँचाई तक दक्षिण-पश्चिमी झुकाव के साथ फैला हुआ है।
उन्होंने बताया, मॉनसून ट्रफ जैसलमेर-कोटा, गुना, रायसेन, मण्डला, रायपुर, झारसुगड़ा और सुस्पष्ट निम्न दाब क्षेत्र से होते हुए पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी तक विस्तृत है। साथ ही 20 डिग्री उत्तर अक्षांश के सहारे पठारी क्षेत्र के उत्तरी हिस्से में मध्य क्षोभमंडल के स्तर पर पूर्व से पश्चिम विरूपक हवाएँ सक्रिय हैं और पंजाब के ऊपर अन्य चक्रवातीय परिसंचरण सक्रिय है।
इन जिलों में अलर्ट जारी
मौसम विभाग ने नर्मदापुरम् संभाग के साथ छिंदवाड़ा, बुरहानपुर और खंडवा जिलों में अति भारी के चलते रेड अलर्ट जारी किया गया है। वही भोपाल और उज्जैन संभाग के साथ कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, सिवनी, मंडला, बालाघाट, अनूपपुर, सागर, दमोह, खरगोन, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, इंदौर, धार और गुना में भारी बारिश की चेतावनी के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। वही इंदौर, उज्जैन, भोपाल, नर्मदापुरम, सागर, जबलपुर और शहडोल संभागों और गुना और ग्वालियर जिलों में गरज चमक के साथ बिजली गिरने और चमकने का भी येलो अलर्ट जारी किया गया है।
पश्चिमी मप्र में औसत से अधिक वर्षा दर्ज
बीते एक जून से 13 जुलाई तक हुई वर्षा के आंकड़ों मुताबिक पूर्वी मध्य प्रदेश में अभी भी औसत से पांच प्रतिशत कम वर्षा हुई है, जबकि पश्चिमी मध्य प्रदेश में औसत से 27 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गई है। हालांकि पूरे प्रदेश में औसत से 11 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है। प्रदेश में मानसून सीजन में पूरी मध्यप्रदेश में जहां औसत से छह प्रतिशत कम वर्षा हुई है, जबकि पश्चिमी मध्य प्रदेश में औसत से 21 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गई है।
आशा खबर /रेशमा सिंह पटेल