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भगवान बुद्ध की स्मृति में निर्मित सांची स्तूप की बनावट राष्ट्रपति भवन की पहचान:रामनाथ कोविंद

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कार्यक्रम में राज्यपाल

कार्यक्रम में राज्यपाल

-धर्मचक्र प्रवर्तन दिवस कार्यक्रम में राष्ट्रपति ने वीडियो रिकाॅर्डेड संदेश दिया

अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (आईबीसी) की पहल पर आषाढ़ पूर्णिमा धर्म चक्र प्रवर्तन दिवस पर बुधवार को सारनाथ में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने वीडियो रिकाॅर्डेड संदेश दिया। इस दौरान राष्ट्रपति ने कहा कि महात्मा बुद्ध के आदर्शों पर चलकर हम संवेदनशील विश्व का निर्माण कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध के परिनिर्वाण के पश्चात उनसे जुड़े शिक्षा स्थल पर अनेक मठ,विश्वविद्यालय,तीर्थ स्थल के रूप में स्थापित हुए। ये ज्ञान और अनुशासन के केन्द्र हैं। आज ये सभी स्थल बुद्ध सर्किट के अंग हैं। देश विदेश के तीर्थ यात्रियों के साथ धार्मिक पर्यटकों को ये अपनी ओर आकर्षित करते है। सौभाग्य से बिहार के राज्यपाल और देश के राष्ट्रपति के रूप में बौद्ध समारोहों में भाग लेने का अवसर प्राप्त हुआ।

राष्ट्रपति ने कहा कि भगवान बुद्ध की स्मृति में निर्मित सांची स्तूप की बनावट राष्ट्रपति भवन की पहचान है। राष्ट्रपति भवन के गुंबद की बनावट सांची स्तूप पर आधारित है। कार्यक्रम में प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन ने कहा कि भगवान बुद्ध समरसता पर जोर देने वाले सामाजिक समानता के समर्थक थे। उन्होंने बुद्धि और विवेक की शरण में जाने का संदेश दिया था। भगवान बुद्ध के उपदेशों को अपनाकर ही विश्व में फैली अराजकता से मुक्ति पाई जा सकती है।

राज्यपाल ने कहा कि भगवान बुद्ध के उपदेशों पर चलने की जरूरत है। उनके द्वारा सैकड़ों वर्ष पूर्व दिए गए उपदेश आज भी समाज की प्रगति के लिए सार्थक है। कार्यक्रम में केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने भी विचार रखा। बताते चलें कि आज ही के दिन महात्मा बुद्ध ने अपने पहले पांच शिष्यों को प्रथम उपदेश दिया था। इसी मौके पर पूरी दुनिया के बौद्ध हर साल इसे धर्म चक्र प्रवर्तन दिवस के रूप में मनाते हैं। यह दिन दुनिया भर के बौद्धों द्वारा धर्म चक्र प्रवर्तन या ‘धर्म के चक्र के घूमने’ के दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। यह दिन बौद्धों और हिंदुओं दोनों ही के द्वारा अपने-अपने गुरु के प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए ‘गुरु पूर्णिमा’ के रूप में भी मनाया जाता है। पिछले वर्ष 2020-21 में यह समारोह राष्ट्रपति भवन में आयोजित किया गया था। दोनों ही अवसरों पर राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने मुख्य भाषण दिया था और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्व रिकार्डेड संदेश दिया था। कार्यक्रम में देश विदेश से आये 500 बौद्ध भिक्षुओं ने भाग लिया।

आशा खबर /रेशमा सिंह पटेल

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