महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के मुखिया राज ठाकरे के प्रस्तावित अयोध्या दौरे को लेकर उत्तर प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज है. कैसरगंज से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद बृजभूषण सिंह, राज ठाकरे के अयोध्या आने को लेकर लगातार विरोध कर रहे हैं. सिंह का मानना है कि ठाकरे को पूर्व में उत्तर भारतीय के खिलाफ दिए गए अपने बयानों पर माफी मांगनी चाहिए, जिसके बाद उन्हें अयोध्या आने दिया जाएगा. वहीं दूसरी तरफ बीजेपी के कुछ अन्य नेता ठाकरे का स्वागत भी कर रहे हैं. मगर इस बीच बीजेपी नेत्री और एसपी संस्थापक मुलायम सिंह यादव की पुत्र वधु अपर्णा यादव ने राज ठाकरे को एक सलाह दी है.
अपर्णा ने ट्वीट कर कहा है,
“राज ठाकरे जी आपका उत्तर प्रदेश में स्वागत है. आप राम लला का दर्शन भी करिए, क्योंकि राम लला सबके लिए पूजनीय हैं, लेकिन मेरा अनुरोध है कि जब आप वापस लौटें तो इस सौगंध के साथ कि आज के बाद उत्तर भारतीयों पर पूर्व की तरह कोई अभद्र टिप्पणी अथवा किसी तरह का अत्याचार नहीं करेंगे.”
अपर्णा यादव
बृजभूषण ठाकरे का क्यों कर रहे विरोध?
बृजभूषण सिंह का कहना है कि ठाकरे ने उत्तर भारतीयों पर अत्याचार किया है, पिटाई की है, मराठी मानुष और उत्तर भारतीयों में दरार पैदा किया है. उन्होंने कहा कि ठाकरे ने विद्यार्थियों को मारा है, मजदूरों को मारा है. हालांकि उन्होंने ये भी कहा है कि ठाकरे बस इतना कह दें कि उत्तर भारतीयों के साथ दुर्व्यवहार के लिए वे माफी मांगते हैं तो मैं हजारों लोगों के साथ उनका स्वागत करूंगा.
दरअसल मनसे प्रमुख ने यूपी में लाउडस्पीकरों के खिलाफ योगी सरकार की कार्रवाई को न सिर्फ सराहा बल्कि यहां तक कह दिया- “मुझे यह देखकर खुशी हो रही कि यूपी प्रगति कर रहा है. हम महाराष्ट्र में भी इसी तरह का विकास चाहते हैं. मैं अयोध्या जाऊंगा, लेकिन आज नहीं बताऊंगा कि कब जाऊंगा. मैं हिंदुत्व की भी बात करूंगा.’
इसके बाद राज ठाकरे के खेमे ने अयोध्या में पोस्टरबाजी कर दावा किया था कि मनसे प्रमुख 5 जून को अपने परिवार के साथ अयोध्या रामजन्मभूमि का दर्जन करने आएंगे. इन पोस्टर्स के सामने आने के बाद कैसरगंज सांसद बृजभूषण सिंह ने राज ठाकरे के खिलाफ मोर्चा खोल दिया.
बृजभूषण सिंह की ओर से किए जा रहे विरोध के क्या हैं राजनीतिक मायने? इसे विस्तार से जानने के लिए नीचे शेयर की गई खबर को पढ़ा जा सकता है.