महाराष्ट्र के स्थानीय निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के मामले पर राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि आरक्षण के लिए ज़रूरी ट्रिपल टेस्ट पूरा कर लिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जिन जगहों पर चुनाव की अधिसूचना जारी हो चुकी है, उसमें दखल नहीं देंगे। फिलहाल नई अधिसूचना जारी न करें। मामले की अगली सुनवाई 19 जुलाई को होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने 4 मई को बीएमसी और दूसरे निकायों के लंबित चुनाव की तारीख दो हफ्ते में घोषित करने का निर्देश दिया था। 3 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र पंचायत चुनाव में 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार और राज्य चुनाव आयोग से कहा था कि वह महाराष्ट्र पिछड़ा वर्ग आयोग की अंतरिम रिपोर्ट के आधार पर कोई कदम न उठाए। कोर्ट ने कहा था कि पिछड़ेपन पर रिपोर्ट बिना उचित अध्ययन के तैयार की गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने 19 जनवरी को महाराष्ट्र सरकार को निर्देश दिया था कि वो ओबीसी से संबंधित आंकड़े राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के समक्ष पेश करे ताकि वो स्थानीय निकायों के चुनावों में उनके प्रतिनिधित्व पर सिफारिशें कर सके। पहले की सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र सरकार ने कहा था कि राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की अंतरिम रिपोर्ट के मुताबिक स्थानीय निकायों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को 27 प्रतिशत तक आरक्षण दिया जा सकता है। हालांकि इसमें यह शर्त है कि आरक्षण का कुल कोटा 50 प्रतिशत की सीमा से अधिक नहीं होगा। राज्य सरकार ने कहा था कि अंतरिम रिपोर्ट को देखते हुए भविष्य के चुनाव में ओबीसी आरक्षण 27 प्रतिशत करने की अनुमति मिलनी चाहिए।
आशा खबर /रेशमा सिंह पटेल