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जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने के लिए वृक्षों की संख्या बढ़ाना जरूरी: कुलपति कम्बोज

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पौधारोपण के पश्चात कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज के साथ महाविद्यालय की डीन व छात्राएं।

एचएयू कुलपति ने किया होम सांइस कालेज में वन महोत्सव का शुभारंभ

हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज ने कहा है कि जलवायु परिवर्तन 21वीं सदी की एक बड़ी चुनौती है जिससे निपटने के लिए अन्य उपायों के साथ-साथ वृक्षों की संख्या बढ़ाना अति आवश्यक है। उन्होंने कहा वृक्षों का हमारे जीवन से गहरा संबंध है। वे बुधवार को विश्वविद्यालय में वन महोत्सव के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन में सबसे अधिक योगदान कार्बन डाइआक्साइड गैस का है, लेकिन पेड़-पौधे इसे अवशोषित करके इसको जीवनदायिनी ऑक्सीजन गैस में परिवर्तित कर वातावरण को शुद्ध करते हैं। ये हमें मूल्यवान प्राणवायु, फल-फूल, औषधियां जैसे जीवन के लिए जरूरी वस्तुएं प्रदान करते हैं लेकिन मनुष्य विकास के नाम पर वनों को समाप्त कर रहा है जिससे हमारे जीवन के लिए जोखिम बढ़ रहा है।

इस मौके पर उन्होंने इन्दिरा चक्रवर्ती गृह विज्ञान महाविद्यालय परिसर में कचनार का पौधा रोपित करके वन महोत्सव का शुभारंभ किया। कार्यक्रम का आयोजन विश्वविद्यालय के गृह विज्ञान महाविद्यालय व लैंडस्केप इकाई द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था। उन्होंने लैंडस्केप इकाई से विश्वविद्यालय में पहले से लगे वृक्षों की कटाई-छंटाई करके उन्हें और सुंदर बनाने तथा विशेष स्थलों पर विशेष किस्म के पौधे रोपित करने को कहा। इस मौके पर इंदिरा चक्रवर्ती गृह विज्ञान महाविद्यालय की डीन डॉ. मंजू महता ने बताया कि पौधारोपण कार्यक्रम के दौरान कुल 450 पौधे रोपित किए गए जिनमें अधिकारियों के साथ-साथ छात्राओं ने भी पौधारोपण किया व उनकी देखरेख की जिम्मेदारी महाविद्यालय की छात्राओं को सौंपी गई। लैंडस्केप इकाई के नियंत्रक अधिकारी डॉ. पवन कुमार ने बताया कि विश्वविद्यालय में पौधारोपण का यह कार्यक्रम आगे भी जारी रहेगा जिसके अंतर्गत विशेषकर उन स्थानों पर जहां कम पेड़ हैं वहां बहुउद्देशीय देशज प्रजातियों के पौधे रोपित किए जाएंगे।

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