दिल्ली विधानसभा में सोमवार को पांच विधेयक पारित किए गए। यह विधेयक दिल्ली सरकार के मंत्रियों, विधायकों और अन्य के वेतन और भत्तों में बढ़ोतरी से जुड़े थे। इन विधेयकों पर चर्चा हुई और आप सहित विपक्षी भाजपा के विधायकों ने इसका समर्थन किया।
दिल्ली विधानसभा का दो दिवसीय सत्र सोमवार से शुरू हुआ है। सत्र के पहले दिन सुबह ही इन विधायकों को सदन में चर्चा के लिए रखा गया। विधेयक को कानून, न्याय और विधानसभा मामलों के मंत्री कैलाश गहलोत ने पेश किया । इन विधायकों का मकसद दिल्ली सरकार के मंत्रियों, विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, विपक्ष के नेता और सदन के सदस्यों का वेतन और भत्तों बढ़ाना है।
विधायकों पर चर्चा का उत्तर देते हुए दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि लोगों की आय उनकी जरूरतों से अधिक होनी चाहिए। इसमें प्रस्ताव किया गया है कि बेसिक सैलरी को 12000 से 30,000 किया जाए। दिल्ली के विधायकों के वेतन और अन्य भत्तों को 54 हजार प्रति माह से बढ़ाकर 90 हजार किया गया है। उन्होंने वेतन बढ़ोतरी के लिए करदाताओं का धन्यवाद भी दिया। इसके अलावा मुख्यमंत्री, मंत्रियों, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, मुख्य सचेतक और नेता विपक्ष का कुल वेतन 72 हजार से बढ़कर 1 लाख 70 हजार हो जाएगा।
अधिकारियों के मुताबिक इन विधायकों को पहले राज्य के कानून एवं न्याय मंत्रालय को भेजा जाएगा। यहां से वह उपराज्यपाल कार्यालय और उसके बाद गृह मंत्रालय के जरिए राष्ट्रपति तक पहुंचेंगे। वहां से मंजूरी मिलने के बाद वेतन और भत्तों में बढ़ोतरी होगी।
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने विधयकों पर सदन के बाहर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पिछले 11 साल से विधायकों को 12 हजार रुपये वेतन मिल रहा था, जिसे अब बढ़ाकर 30 हजार रुपये कर दिया गया है। पिछले 7 सालों में इस पर काफी चर्चा हो चुकी है। 7 साल पहले केंद्र सरकार को कुछ आपत्तियां थीं। उनके सुझावों को शामिल करने के बाद, दिल्ली विधानसभा ने एक बार फिर विधेयक पारित कर दिये हैं और केंद्र से इसे पारित करने की उम्मीद है।
आशा खबर /रेशमा सिंह पटेल