उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग में फर्जी ठेकेदारों की सूची बनाई जाएगी और उनके नाम विभागीय ठेकेदारों की सूची से हटाए जाएंगे। इसके लिए विभागाध्यक्ष एके सिंह के स्तर से अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं।
सिंचाई विभाग में कई सारी ऐसी फर्म चलाई जा रही हैं, जो दूसरे के नाम पर हैं और उसका संचालन कोई और कर रहा है। ऐसी फर्म के नाम पर ठेके आवंटन के बाद उसके पेमेंट के वक्त विभाग को खासा दिक्कतें सामने आती रही हैं। दूसरे की फर्म पर काम करने वाले लोगों की संख्या बहुतायत में है लेकिन इसमें भी दूसरे प्रदेश की फर्म पर काम करने वाले कमीशन बेस ठेकेदार भी सक्रिय हैं। इन ठेकेदारों के बिल पुरजे अक्सर दूसरी जगह के जीएसटी नम्बर वाले होते हैं।
फर्जी ठेकेदारों को हटाने के लिए विभागीय जांच हो रही है। जुलाई माह के अंत तक ऐसे ठेकेदारों को चिन्हित कर लिया जाएगा। विभागीय बैठक में फर्जी ठेकेदारों के विषय पर चर्चा के बाद ही कोई निर्णय होगा।
सिंचाई विभाग में बारिश के बाद सिल्ट हटाने का ठेका हर नहर परिक्षेत्र में निकलता है। इसमें अधिशासी अभियंताओं पर दबाव बनाते हुए दर्जनों ठेकेदार मिल जाते हैं, जो काम दिलाने का काम करते हैं। ये स्वयं ठेकेदारी न कर दूसरी फर्म के लिए कमीशन पर काम करते हैं। बीते दिनों ब्लैक लिस्टेड फर्म को रजिस्ट्रेशन सूची से बाहर किया गया था और अब फर्जी ठेकेदार इसमें शामिल होने वाले हैं।