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पीडब्ल्यूडी में फर्जी बांड बनाकर लाखों का भुगतान, शासन तक पहुंची शिकायत

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Prayagraj News :  जालसाजी।

विद्युत यांत्रिक खंड में वित्तीय अनियमितता की यह शिकायत भाजपा कानूनी और विधि विभाग के जिला संयोजक भोलानाथ पांडेय ने मुख्य अभियंता से की है। इसमें उन्होंने एक्सईएन दिनेश कुमार पर चहेती फर्मों को करोड़ों रुपये का लाभ पहुंचाने समेत कई गंभीर आरोप लगाए हैं।

पीडब्ल्यूडी के विद्युत यांत्रिक खंड में फर्जी अनुबंध गठित करने, चहेती फर्मों के नाम पर फर्जी बिल बनाकर भुगतान करने के साथ ही वित्तीय अनियमितता की कई गंभीर शिकायतें शासन से की गई हैं। मुख्य अभियंता के अलावा इंजीनियर इन चीफ से मिलकर उच्चस्तरीय जांच कराने का आग्रह किया गया है। इंजीनियर इन चीफ मनोज गुप्ता ने रविवार को बताया कि विद्युत यांत्रिक खंड में हुई गड़बड़ियों की शिकायत की बिंदुवार जांच कराई जाएगी।

विद्युत यांत्रिक खंड में वित्तीय अनियमितता की यह शिकायत भाजपा कानूनी और विधि विभाग के जिला संयोजक भोलानाथ पांडेय ने मुख्य अभियंता से की है। इसमें उन्होंने एक्सईएन दिनेश कुमार पर चहेती फर्मों को करोड़ों रुपये का लाभ पहुंचाने समेत कई गंभीर आरोप लगाए हैं। इसी तरह इंजीनियर इन चीफ को दिए पत्र में कहा गया है कि विद्युत यांत्रिक खंड में मनमाफिक फर्मों से स्वीकृत बजट के विपरीत न्यूनतम दर पर निविदा डलवाकर शेष धनराशि डकार ली जा रही है।

 

उच्च न्यायालय के कोर्ट नं. आठ, 10 और 18 में कराए गए विद्युतीय कार्यों में आगणित धनराशि के सापेक्ष 10 प्रतिशत न्यूनतम रेट पर निविदा डालकर शेष धनराशि का सप्लाई आर्डर के माध्यम से फर्जी भुगतान कर दिया गया है। इतना ही नहीं, कोरोना काल में वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान निलंबित एक्सईएन दिनेश यादव के कार्यकाल का वैरिएबल रेफ्रिजरेंट फ्लो (वीआरएफ), वैरिएबल रेफ्रिजरेंट वाल्यूम (वीआरवी) एसी का अनुबंध गठित कर चहेती फर्म को फर्जी भुगतान किया गया है।

इसी तरह उच्च न्यायालय में नेटवर्किंग के कार्य में भी मानक को ताक पर रखकर लाखों रुपये का गोलमाल किया गया और एग्रीमेंट के तहत गारंटी वारंटी के दस्तावेज नहीं सौंपे गए हैं। ऐसे में इन कार्यों से जुड़ी निविदा के अनुबंधों के अलावा कार्यों से संबंधित अभिलेखों की जांच कराई जाए, ताकि भ्रष्टाचार पर लगाम कसी जा सके।

भ्रष्टाचार नहीं होने दिया जाएगा। विद्युत यांत्रिक खंड में फर्जी अनुबंध गठित करने , चेहेती फर्मों को लाभ पहुंचाने और काम कराए बिना भुगतान कराने की शिकायत की बिंदुवार जांच कराई जाएगी। जरूरत पड़ी को विभागीय जांच भी कराएंगे और दोषियों को दंडित किया जाएगा। – मनोज गुप्ता, इंजीनियर इन चीफ/ विभागाध्यक्ष, पीडब्ल्यूडी।

इस प्रकरण पर अभी में किसी तरह की टिप्पणी नहीं करना चाहता। अभी मैं दफ्तर में नहीं हूं। दफ्तर में बैठकर इस पर बात करूंगा। – दिनेश कुमार, अधिशासी अभियंता, विद्युत यांत्रिक खंड।

आशा खबर / शिखा यादव

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