– यह अभियान 26 जुलाई को द्रास स्थित कारगिल युद्ध स्मारक पहुंचकर समाप्त होगा
– साइकिल दल को 24 दिनों में द्रास तक पूरा करना होगा 1600 किलोमीटर का सफर
देश की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत भारतीय सेना और वायुसेना ने शनिवार को दिल्ली से द्रास तक अनोखा साइकिलिंग अभियान शुरू किया है। इस साइकिल दल में 20 सैनिक और वायु योद्धा शामिल हैं। इनका नेतृत्व सेना और वायुसेना की दो महिला अधिकारी कर रही हैं। नई दिल्ली के राष्ट्रीय युद्ध स्मारक से आज शुरू हुआ यह अभियान 26 जुलाई को द्रास स्थित कारगिल युद्ध स्मारक पहुंचकर समाप्त होगा।
नई दिल्ली के राष्ट्रीय युद्ध स्मारक से सिग्नल ऑफिसर-इन-चार्ज तथा कोर ऑफ सिग्नल्स के सीनियर कर्नल स्टाफ ऑफिसर लेफ्टिनेंट जनरल एमयू नायर और पश्चिमी वायु कमान के सीनियर एयर स्टाफ ऑफीसर एयर मार्शल आर राधिश ने संयुक्त रूप से झंडा दिखाकर रवाना किया। साइकिल दल को 24 दिनों में 1600 किलोमीटर का सफर पूरा करना है। यह अभियान 26 जुलाई को द्रास स्थित कारगिल युद्ध स्मारक पहुंचकर समाप्त होगा। यह साइकिलिंग अभियान कारगिल युद्ध के दौरान शहीद हुए वीर जवानों के सर्वोच्च बलिदान को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित किया गया है।
अभियान का प्रमुख लक्ष्य राष्ट्रवाद के प्रति भारतीय युवाओं में ऊर्जा का संचार करना भी है। साइकिल दल में शामिल सेना के जवान और वाय योद्धा इस दौरान रास्ते में अनेक स्थानों पर स्कूली बच्चों से बातचीत करके उनमें राष्ट्रवाद की अलख जगाने का प्रयास करेंगे। इस कदम से देश के भावी नेतृत्वकर्ताओं में उत्साह और जोश पैदा होगा तथा उनकी ऊर्जा को सही दिशा मिलेगी। साइकिल दल ने आज से करनाल (हरियाणा) स्थित सैनिक स्कूल कुंजपुरा से इसकी शुरुआत भी कर दी है।
प्रवक्ता के अनुसार तीन जुलाई को अंबाला के केंद्रीय विद्यालय, चार चुलाई को सैनिक पब्लिक स्कूल, चंडीमंदिर, पांच जुलाई को गुरुकुल इंटरनेशनल सीनियर सेकंड्री स्कूल, सोलन, सात जुलाई को शिमला पब्लिक स्कूल, आठ जुलाई को बिलासपुर पब्लिक स्कूल, बिलासपुर, नौ जुलाई को पांडव पब्लिक स्कूल, पंडोह, 10 जुलाई को राजकीय सीनियर सेकंड्री स्कूल, मनाली, 11 जुलाई को केंद्रीय विद्यालय, केलांग, 12 जुलाई को राजकीय प्राथमिक स्कूल, दारचा, 17 जुलाई को आर्मी गुडविल स्कूल, कारू, 18 जुलाई को लद्दाख पब्लिक स्कूल, लेह, 19 जुलाई को खालत्से गवर्नमेंट मिडिल स्कूल, खालत्से में साइकिल दल स्कूली बच्चों से बातचीत करेगा।
सेना की तरफ से साइकिल दल का नेतृत्व कोर ऑफ सिग्नलस की मेजर सृष्टि शर्मा और वायु सेना की तरफ से स्क्वाड्रन लीडर मेनका कर रही हैं। मेजर सृष्टि शर्मा दूसरी पीढ़ी की अधिकारी हैं, जिन्हें विभिन्न तकनीक आधारित गोपनीय अभियानों में योगदान देने के लिये 2019 में चीफ ऑफ इंटीग्रेटेड स्टाफ कमेंडेशन कार्ड प्रदान किया गया था। इस समय वे दिल्ली में पोस्टेड हैं। उन्हें गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस जैसे राष्ट्रीय आयोजनों के लिये वायु रक्षा संचार के क्षेत्र में योगदान देने पर 2021 में वाइस चीफ ऑफ एयर स्टाफ कमेंडेशन कार्ड प्रदान किया गया था।
स्कॉड्रन लीडर मेनका ने अपने दस वर्षीय सेवाकाल के दौरान बीदर, ग्वालियर और देवलाली में लॉजिस्टिक्स अधिकारी के रूप में काम किया है। इस समय वे वायु सेना स्टेशन कलाईकुंड में तैनात हैं। उन्हें ग्वालियर वायु सेना स्टेशन में विभिन्न लॉजिस्टिक्स विषयों के फौरी समाधान और बेमिसाल सेवाओं के लिये 2016 में एयर ऑफीसर कमांडिंग-इन-चीफ सेंट्रल कमान कमेंडेशन कार्ड प्रदान किया गया था। वे खेलों की शौकीन हैं और उन्होंने भारतीय वायु सेना के कई साइकिल अभियानों में हिस्सा लिया है।
हिमाचल प्रदेश में प्रवेश करने से पहले साइकिल दल पंजाब से गुजरेगा। लद्दाख की तरफ बढ़ते हुये अभियान दल को ऊंचाई वाले इलाकों की कड़ी चुनौतियों और ऑक्सीजन की कमी से जूझना होगा। इन चुनौतियों का सामना करने के लिये अभियान दल ने बहुत पहले ही अभ्यास शुरू कर दिया था, ताकि समय रहते दम-खम पैदा किया जा सके। उत्तरी कमान के जनरल ऑफीसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी द्रास से अभियान को झंडी दिखाकर आगे के लिए रवाना करेंगे।
आशा खबर /रेशमा सिंह