इलाहाबाद हाईकोर्ट में जावेद मोहम्मद उर्फ जावेद पंप का घर गिराने के मामले में उसकी पत्नी परवीन फातिमा की याचिका पर आज उत्तर प्रदेश सरकार व प्रयागराज विकास प्राधिकरण की तरफ से जवाब दाखिल किया गया। हाईकोर्ट के निर्देश पर 24 घंटे के अंदर जवाब दाखिल कर दिया गया। जवाब दाखिल कर सरकार व प्राधिकरण ने कहां है कि याची का घर पूर्ण रूप से अवैध था। कहा गया है कि घर का किसी प्रकार का कोई नक्शा पास नहीं था।
न ही इस संबंध में याची की तरफ से कभी कोई कोशिश की गई थी। यह भी कहा गया है कि कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए घर गिराने की कार्रवाई संपन्न हुई है। याचिका की सुनवाई करते हुए जस्टिस अंजनी कुमार मिश्र की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने याची के अधिवक्ता के अनुरोध पर उन्हें जवाब देने के लिए एक दिन का समय दिया है। कोर्ट ने याचिका की सुनवाई सात जुलाई को करने का निर्देश दिया है।
प्रयागराज के अटाला में 10 जून को जुमे की नमाज के बाद हुए बवाल के मुख्य आरोपी जावेद मोहम्मद पंप का मकान ढहाने के मामले में इससे पूर्व जस्टिस सुनीता अग्रवाल व जस्टिस विक्रम डी चौहान की खंडपीठ ने सुनवाई से इन्कार कर दिया था। याचिका जावेद की पत्नी परवीन फातिमा ने दाखिल की है। याचिका दाखिल कर कहा गया है कि उसे व उसकी बेटी को भी 11 जून को पुलिस उठा ले गई थी। 12 जून को घर ढहाने से पहले कोई नोटिस नहीं गई थी।
याचिका में परवीन ने अवैध तरीके से उसका मकान तोड़ने की शिकायत की है। साथ ही दोबारा मकान बनने तक रहने के लिए सरकारी आवास मुहैया कराने की मांग की है। परवीन फातिमा ने कहा है कि जिस मकान को बुल्डोजर से ध्वस्त कर दिया गया, वह उसके नाम पर है, न कि उसके शौहर के नाम पर। यह मकान याची को उसके पिता से उपहार में मिला था।
वह परिवार के साथ रिश्तेदारों के यहां रहने को मजबूर है। याचिका में न्यायालय से ग्रीष्मावकाश के दौरान ही इस मामले में सुनवाई का अनुरोध किया गया है। हालांकि परवीन फातिमा की ओर से दाखिल याचिका में मकान का कोई नक्शा दाखिल नहीं किया गया है। जिसकी स्वीकृति तत्कालीन इलाहाबाद विकास प्राधिकरण अब प्रयागराज विकास प्राधिकरणद्ध की ओर से होनी चाहिए।