प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार देर शाम को नई दिल्ली से मध्य प्रदेश की नई स्टार्टअप नीति का वर्चुअल शुभारंभ किया। इंदौर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मौजूद रहे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि स्टार्टअप अर्थ-व्यवस्था के लिए नई बैकबोन की तरह सामने आये हैं। आज विभिन्न क्षेत्रों में व्यापार, व्यवसाय की संभावनाओं को युवाओं ने साकार करने के लिये अनेक स्टार्टअप चुने हैं। मध्यप्रदेश की स्टार्टअप नीति में ऐसे कार्य क्षेत्रों को शामिल किया गया है, जिनमें व्यवसाय की व्यापक संभावनाएं विद्यमान हैं। इस नाते मध्यप्रदेश की स्टार्टअप नीति एक सुविचारित नीति है।
उन्होंने कहा कि जनवरी माह में हुई स्टार्टअप समिट में प्राप्त सुझावों के आधार पर स्टार्टअप नीति तैयार की गई है। इस नीति की विशेषताओं में वेंचर केपिटल फण्ड, लीज रेंटल सहायता, पेटेंट के लिये सहायता, उत्पाद आधारित स्टार्टअप में प्रधानमंत्री मोदी की मंशा के अनुरूप पैकेज के प्रावधान, बेटियों के स्टार्टअप को प्रोत्साहन, अधिकतम एक करोड़ रुपये की सहायता के प्रावधान, क्षमता विस्तार सहायता, नवीन पोर्टल को भारत सरकार के पोर्टल से संबद्ध करने और पृथक स्टार्टअप सेंटर बनाने के प्रावधान प्रमुख हैं। स्टार्टअप की सहायता के लिये विशेषज्ञों की उपलब्धता और विभिन्न स्रोतों से फण्ड उपलब्ध कराने की पुख्ता व्यवस्था से युवाओं को भरपूर सहयोग मिलेगा।
शहरों को बनाएंगे स्टार्टअप हब
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में इंदौर और भोपाल के साथ ही अन्य शहरों को भी स्टार्टअप हब बनाया जायेगा। सिर्फ आईटी क्षेत्र ही नहीं, जैविक और प्राकृतिक खेती, जिसमें मध्यप्रदेश 17.5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में उत्पादन कर अन्य राज्यों से आगे हैं, स्टार्टअप के लिये अनुकूल हैं। इसके अलावा कृषि विविधीकरण, एक जिला-एक उत्पाद, सोलर एनर्जी, ऑर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, एनीमेशन, फार्मा सेक्टर, लॉजिस्टिक क्षेत्र सहित कई क्षेत्र हैं, जिनमें कार्य की संभावनाएं उपलब्ध हैं।
स्टाम्प शुल्क में भी देंगे रियायत
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि नीति में स्टाम्प शुल्क में रियायत का निर्णय भी लिया जा रहा है। युवाओं से प्राप्त अन्य सुझावों पर भी अमल किया जायेगा। इनमें इनोवेशन लैब और वर्ल्ड स्टार्टअप समिट के सुझाव शामिल हैं। उन्होंने कहा कि आगामी 7, 8 जनवरी 2023 को इंदौर में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट हो रहा है। प्रधानमंत्री इसका उद्घाटन करेंगे। स्टार्टअप से जुड़े युवा समिट में हिस्सेदारी कर वाणिज्य और उद्योग क्षेत्र की नई जानकारियों से अवगत होंगे।
युवाओं के लिये असंभव कुछ भी नहीं
प्रारंभ में मुख्यमंत्री चौहान ने भोपाल के गजलकार दुष्यंत कुमार की पंक्ति कौन कहता है कि आसमान में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों” से अपना संबोधन शुरू किया। उन्होंने कहा कि अटल जी ने भी युवाओं को परिश्रम का आह्वान किया था। स्वामी विवेकानंद ने दृढ़ता के साथ संदेश दिया था कि मनुष्य के लिये कोई कार्य असंभव नहीं है।
उन्होंने कहा कि युवाओं के सुझावों पर गंभीरता से विचार कर राज्य सरकार मूर्त रूप प्रदान कर रही है। स्टार्टअप के क्षेत्र में बैंगलुरु और हैदराबाद को हम पीछे छोड़ सकते हैं। स्वच्छता में अग्रणी रहने वाले इंदौर में स्टार्टअप क्षेत्र में 700 करोड़ की फंडिंग आ चुकी है। प्रदेश में अधो-संरचना विकास के बाद विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य हुआ है। इस वर्ष 20 लाख टन गेहूं निर्यात का लक्ष्य है। देश की जीडीपी में मध्यप्रदेश का योगदान 3.6 से बढ़कर 4.6 प्रतिशत हो गया है। अधिक से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाना हमारा संकल्प है। जनवरी, फरवरी और मार्च माह में करीब 14 लाख लोगों को रोजगार से जोड़ने में सफलता मिली है। मध्यप्रदेश का नौजवान भी नई उड़ान के लिये तैयार है। स्टार्टअप नीति सफलता के नए आयाम स्थापित करेगी। स्टार्टअप विकास के लिये प्रदेश में ईको सिस्टम तैयार है।
प्रधानमंत्री का नेतृत्व है दूरदर्शी, युवाओं को मिल रहा पूरा सहयोग
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में ग्रोथ रेट में निरंतर वृद्धि हो रही है। स्थिर सरकार है। प्रधानमंत्री मोदी वर्ष 2025 तक भारत की इकोनॉमी को 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य लेकर प्रयासरत हैं। एक समय था, जब स्टार्टअप के बारे में कोई नहीं जानता था। अब देश में स्टार्टअप के लिये युवाओं को पूरा सहयोग और प्रोत्साहन मिल रहा है।
नई नीतियों से विकास का मार्ग हुआ प्रशस्त
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की उद्योग नीति निवेशक हितैषी है। अन्य नई नीतियां विकास का मार्ग प्रशस्त करने में सहायक हैं। एमएसएमई नीति भी लागू की गई है। खाद्य प्र-संस्करण से संबंधित प्रोत्साहनकारी योजनाएं लागू हो रही हैं। नई राइस मिलिंग नीति और इलेक्ट्रिक व्हीकल नीति शीघ्र आ रही है। ईज ऑफ डूईंग पर निरंतर काम हो रहा है। मध्यप्रदेश को स्टार्टअप क्षेत्र में अग्रणी राज्य की मान्यता मिल रही है।
मुख्यमंत्री कॉन्क्लेव में आयोजित विभिन्न सत्रों में शामिल हुए और स्टार्टअप्स एवं उद्योगपतियों के साथ बैठकर चर्चा भी की।