– तीस्ता सांप्रदायिक नफरत फैलाने की छोटी ब्रांच, हेडक्वार्टर कांग्रेस पार्टी
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने गुजरात दंगा मामले में ज़किया जाफरी की याचिका सुप्रीम कोर्ट से खारिज होने के बाद मंगलवार को कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। पार्टी ने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार (संप्रग) ने सत्ता को राजनीतिक बदला लेने का साधन बनाया। खुद को मानवाधिकार की चैंपियन कहने वाली तीस्ता सीतलवाड़ सांप्रदायिक नफरत फैलाने की छोटी ब्रांच थी, उसका हेडक्वार्टर तो कांग्रेस पार्टी है।
भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक ऐतिहासिक फैसला 24 जून, को दिया गया, जिसमें जाकिया जाफरी द्वारा प्रस्तुत याचिका को खारिज किया गया। इस फैसले के बाद कुछ टिप्पणियां की गई, जिनसे मानवाधिकार की रक्षा करने का ठेका लेकर बैठे कुछ लोगों का असली चरित्र सामने आया। उन्होंने कहा कि विगत दो दशकों से एक राजनीतिक षडयंत्र और प्रयास विश्व के सबसे सम्मानित नेता नरेन्द्र मोदी के खिलाफ चलाया जा रहा था।
भाटिया ने कहा कि अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने एक एफआईआर दर्ज की और तीस्ता सीतलवाड़ नाम की महिला, जो खुद को चैंपियन ऑफ ह्यूमन राइट्स कहती है, उनका सच सामने आया। तीस्ता सीतलवाड़ केवल सांम्प्रदायिक नफरत फैलाने की छोटी ब्रांच थीं, उसका हेडक्वार्टर कांग्रेस पार्टी में है। सीतलवाड़ के साथ रहे उनके एक साथी के बयानों से स्पष्ट हुआ है कि ये लोग पीड़ित परिवारों के न्याय की लड़ाई नहीं लड़ रहे थे, बल्कि इनका निशाना तो गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की राजनीतिक पारी को खत्म करना था।
भाटिया ने आगे कहा कि राहुल गांधी और कांग्रेस की सुप्रीम कोर्ट में आस्था भी सुविधा के अनुसार होती है। जब ये फैसला आया तो वरिष्ठ नेता जयराम रमेश के एक ट्वीट को कांग्रेस ने रि-ट्विट किया, “जाकिया जाफरी केस में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय अत्यंत निराशाजनक है।”
उल्लेखनीय है कि जकिया ने दंगे की साज़िश के आरोप से गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को मुक्त करने वाली एसआईटी की क्लोज़र रिपोर्ट को चुनौती दी थी। इसके साथ ही मोदी को सुप्रीम कोर्ट से भी क्लीन चिट मिल गई है।
आशा खबर /रेशमा सिंह पटेल