मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को लोक भवन में घरौनी प्रमाण पत्र वितरित किये। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सब प्रधानमंत्री के आभारी हैं। उनके निर्देशन में अप्रैल 2020 से यह कार्यक्रम शुरू हुआ। मुख्यमंत्री ने कहा कि 23 लाख परिवारों को घरौनी प्रमाण पत्र देने का कार्यक्रम पहले हो चुका है। आज 11 लाख लोगों को दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से 34 लाख लोग ऐसे हैं जिनके नाम पर अपना पट्टा होगा। उन्होंने कहा कि पहले कभी कोई दबंग मकान पर कब्जा कर लेता था तो गरीब को मकान कब्जा नहीं मिल पाता था। जमीन का विवाद ऐसा है कि जब शुरू हुआ तो अदालतों में पीढ़ियां केस लड़ते लड़ते बीत जाती थीं। अब जमीन का सर्वे फीता नापकर नहीं, ड्रोन से सर्वे करके किया जाता है। आज कार्यक्रम के साथ जालौन ऐसा जिला है जहां 100 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्र में घरौनी अभिलेख दिया जा चुका है। इस वर्ष अगस्त तक हम सभी एक लाख 20 हजार राजस्व ग्रामों में सर्वे का कार्य कर चुके हैं और 2023 तक हर परिवार को ग्रामीण अभिलेख दे चुके होंगे। गांधीजी ने ग्राम स्वराज का सपना देखा था। प्रधानमंत्री ने ग्राम आत्मनिर्भर का कार्य शुरू किया है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने 2017 से ही भू माफिया और राजनीतिक संरक्षित लोगों के खिलाफ एंटी भू माफिया अभियान चलाया है। आज जनजातियों के पास उनकी भूमि पट्टा, प्रधानमंत्री आवास, शौचालय, विद्युत कनेक्शन सब है। हर बुजुर्ग को वृद्धावस्था पेंशन, निराश्रित महिलाओं को पेंशन, दिव्यांगजन को पेंशन दिया जा रहा है। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र समेत अन्य लोग मौजूद रहे।
आशा खबर /रेशमा सिंह पटेल