वन महोत्सव के दौरान विभिन्न प्रतियोगिताओं के माध्यम से युवाओं को पौधरोपण के प्रति जागरूक किया जाएगा। सरकार का विरासत वृक्षों के साथ ही पर्यावरण संरक्षण, वर्षा जल संचयन पर भी जोर है।
योगी सरकार पहली जुलाई से वन महोत्सव का आयोजन कराएगी। यह महोत्सव सात जुलाई तक चलेगा। इस दौरान एक तरफ विरासत वृक्षों के संरक्षण पर सरकार का जोर रहेगा तो वहीं दूसरी तरफ पौधरोपण से संबंधित जन जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा। प्रभातफेरी, नुक्कड़ नाटक समेत अनेक प्रतियोगिताओं के माध्यम से स्कूली बच्चों को भी पर्यावरण के प्रति जागरूक किया जाएगा। बीते दिनों पड़ी बेतहाशा गर्मी को देखते हुए योगी सरकार का पर्यावरण संरक्षण, वर्षा जल संचयन पर भी पुनः विशेष जोर है। वहीं सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि एक या दो फलदार पौधे अवश्य लगाकर उनका संरक्षण करें।
प्रदेश में जुलाई के प्रथम सप्ताह में होने वाले वन महोत्सव के अंतर्गत जन जागरूकता के कार्यक्रम होंगे। इसके तहत प्रभातफेरी, नुक्कड़ नाटक, चित्रकला, निबंध, वाद-विवाद प्रतियोगिता व संगोष्ठी आदि का भी आयोजन स्कूली स्तर पर होंगे। साथ ही अभियान चलाकर पर्यावरण संरक्षण, वृक्षावरण व पौधरोपण के महत्व, वर्षा जल संचयन, जल संरक्षण, स्वच्छता-प्लास्टिक के उपयोग को खत्म करने आदि पर जोर रहेगा।
वन महोत्सव के दौरान विरासत वृक्ष वाटिका के लिए प्रचार-प्रसार पर भी विभाग का जोर रहेगा। इसके साथ ही वेटलैंड्स के कैचमेंट में पौधरोपण, नदियों के संरक्षण व पुनरुद्धार के लिये नदी किनारे पौधरोपण, शहरी क्षेत्रों में भी पौधरोपण किया जाएगा। पहली से सात जुलाई तक प्रत्येक जनपदों में भी जनजागरूकता समेत वृहद स्तर पर अनेक कार्यक्रम होंगे। साथ ही केंद्र सरकार के निर्देशानुसार एक पेड़ मां के नाम भी लगाए जाएंगे।
वन महोत्सव के तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपील की है कि इस वर्षाकाल में अपने घर-आंगन में कम से कम एक या दो फलदार पौधों का रोपण अवश्य करें। साथ ही प्रदेश में अधिक से अधिक पौधे रोपित कर इनका सिंचन व सतत देखभाल भी करें।
वन महोत्सव के अलावा योगी सरकार यूपी को हरा-भरा रखने के लिए इस वर्ष भी 35 करोड़ पौधरोपण करेगी। इसके लिए विभागों और मंडलों के लक्ष्य पहले ही निर्धारित किए