पुल हादसे के बाद लोगों ने आरोप लगाया कि पुल के निर्माण में घटिया सामग्री के इस्तेमाल किया गया था, इसलिए पुल उद्घाटन से पहले ध्वस्त हो गया।
बिहार में एक बार फिर से पुल हादसा हुआ है। उद्घाटन से पहले ही पुल ध्वस्त होकर नदी में समा गया। घटना अररिया जिला के सिकटी प्रखंड की है। यहां करोड़ों की लागत से बकरा नदी के पड़रिया घाट पर बना पुल अचानक नदी में समा गया। मंगलवार दोपहर करीब दो बजकर पांच मिनट में यह हादसा हुआ। 182 मीटर का पुल कुल तीन हिस्सों में बना था। दो पाए के साथ दो हिस्सा नदी में समा गया। इधर, घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया। बताया जा रहा है कि इस पुल का निर्माण पहले बने पुल के एप्रोच कट जाने के बाद कराया गया था। लोगों का आरोप है कि पुल के निर्माण में घटिया सामग्री के इस्तेमाल किया गया था इसलिए पुल उद्घाटन से पहले ध्वस्त हो गया। लोगों का कहना है कि हाल में ही पुल के एप्रोच पथ को बहाल करने के विभाग की विभाग की ओर कवायद शुरू की गई थी। लेकिन, उससे पहले यह हादसा हो गया। अररिया के सांसद और विधायक ने ठेकेदार और संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की बात कही।
अररिया के सिकटी प्रखंड में उद्घाटन से पहले ही पुल ध्वस्त हो गया। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क निर्माण योजना के तहत बने इस पुल की लागत 7.79 करोड़ रुपये थी। 182 मीटर लंबे इस पुल का निर्माण 2021 में शुरू हुआ था। शुरुआती दौर में यह 7 करोड़ 80 लाख की लागत का था, लेकिन बाद में नदी की धारा बदलने और एप्रोच सड़क को लेकर कुल 12 करोड़ की लागत का हो गया था। यह जून 2023 में बनकर तैयार हुआ। पुल के दोनों और पहुंच पथ नहीं होने के कारण इस पर आवागमन नहीं हो रहा था। ग्रामीणों ने कुल निर्माण में अनियमितता का आरोप लगाया है। ग्रामीणों की मानें तो पिछले दो दिनों से पुल के स्लैब में दरार दिख रही थी। मंगलवार को अचानक से भरभराकर पुल गिर गया। इस पुल का निर्माण केंद्र सरकार के ग्रामीण कार्य विभाग के अंतर्गत पड़ोसी जिला किशनगंज के ठेकेदार सिराजुर्रहमान ने कराया है।
विधायक और सांसद ने लगाया यह आरोप
इधर, पुल हादसे के बाद सांसद प्रदीप कुमार सिंह और सिकटी भाजपा विधायक विजय कुमार मंडल ने इसे संवेदक और विभागीय लापरवाही का नतीजा करार दिया। सांसद और विधायक ने पुल की पाइलिंग में गड़बड़ी बरते जाने की बात करते हुए रात में संवेदक पर गुणवत्ता विहीन काम करने का आरोप लगाया। सांसद ने मामले एक जांच उच्च स्तरीय टीम के साथ कराने के साथ जिम्मेवार संवेदक और विभागीय अधिकारियों पर कार्रवाई की बात कही।