करनाल पहुंचे नागरिक उड्डयन मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने कहा कि इन सभी हवाई पट्टियों का नए सिरे से सर्वे किया जा रहा है और आरसीएस के तहत घरेलू हवाई अड्डा बनाने की संभावनाओं को तलाश किया जा रहा है। इन सभी हवाई पट्टियों का सर्वे करने के बाद अधिकारियों से चर्चा की जाएगी।
हिसार के बाद अब प्रदेश के कई अन्य जिलों में भी घरेलू हवाई अड्डे बनाए जाने की सरकार की योजना है। इसके लिए पांच जिलों में नए सिरे से सर्वे शुरू हो चुका है। सर्वे के लिए पहले चरण में उन जिलों को लिया गया है, जहां पर तीन से चार हजार फुट की हवाई पट्टियां हैं। इनमें करनाल, अंबाला, पिंजौर, नारनौल और भिवानी जिला शामिल है।
करनाल पहुंचे नागरिक उड्डयन मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने कहा कि इन सभी हवाई पट्टियों का नए सिरे से सर्वे किया जा रहा है और आरसीएस के तहत घरेलू हवाई अड्डा बनाने की संभावनाओं को तलाश किया जा रहा है। इन सभी हवाई पट्टियों का सर्वे करने के बाद अधिकारियों से चर्चा की जाएगी और जहां-जहां संभावना होगी वहां घरेलू हवाई पट्टी बनाई जाएगी। उन्होंने शुक्रवार को करनाल के अलावा पिंजौर और अंबाला हवाई पट्टी का भी निरीक्षण किया।
पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि सरकार की योजना है कि इन जिलों में घरेलू एयरपोर्ट बनाया जाए। अब अधिकारियों से फिजिबिलिटी रिपोर्ट लेने के बाद निर्णय लिया जाएगा कि यहां एयरपोर्ट बनाने की योजना को अमलीजामा पहनाया जा सकता है या नहीं। अगर डोमैस्टिक एयरपोर्ट की फिजीबल रिपोर्ट को संबंधित विभाग से हरी झंडी मिली तो सरकार की ओर से जल्द से जल्द इस योजना को सिरे चढ़ाएगी।
करनाल में 15 साल पुरानी परियोजना
करनाल में हवाई अड्डा बनाने की परियोजना करीब 15 वर्षों से अटकी है। कांग्रेस की सरकार के समय में यहां हवाई अड्डा बनाने की संभावना तलाशी थी। 2014 के चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी करनाल में हुई चुनावी जनसभा में यहां हवाई अड्डा बनान की घोषणा करके गए थे। तब से अब तक जमीन अधिग्रहण के अलावा कोई कार्य नहीं किया गया। कागजों में परियोजना को सिरे चढ़ाने के प्रयास चल रहे हैं।