भारतीय टीम ने जब उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया तो वह फूट-फूटकर रोने लगे। इससे पहले भारत को मैच में कई मौके मिले, लेकिन भारतीय टीम इन्हें भुना नहीं पाई। भारत के इस ड्रॉ के साथ पांच अंक हो गए हैं और उसे फीफा विश्व कप क्वालिफायर के तीसरे दौर में पहुंचने के लिए अब इंतजार करना होगा। भारत को अपना अंतिम ग्रुप मैच मजबूत कतर से खेलना है।
सुनील छेत्री के विदाई मैच में भारत और कुवैत का मुकाबला गोलरहित बराबरी पर छूटा। फीफा विश्व कप क्वालिफायर में भारत जीत नहीं पाया, लेकिन सॉल्ट लेक स्टेडियम में मौजूद लगभग एक लाख फुटबॉल प्रेमियों ने छेत्री पर प्यार लुटाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। मैच के बाद छेत्री की आंखों में तो आंसू थे, साथ में उन्हें प्यार करने वाले दर्शकों की आंखे भी नम थीं। छेत्री ने भी पूरे स्टेडियम का चक्कर लगाकर हाथ जोड़कर दर्शकों का धन्यवाद किया।
भारतीय टीम ने जब उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया तो वह फूट-फूटकर रोने लगे। इससे पहले भारत को मैच में कई मौके मिले, लेकिन भारतीय टीम इन्हें भुना नहीं पाई। भारत के इस ड्रॉ के साथ पांच अंक हो गए हैं और उसे फीफा विश्व कप क्वालिफायर के तीसरे दौर में पहुंचने के लिए अब इंतजार करना होगा। भारत को अपना अंतिम ग्रुप मैच मजबूत कतर से खेलना है।
छेत्री के आखिरी मैच में दर्शकों की भीड़
छेत्री ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि कुवैत के खिलाफ विश्व कप क्वालीफायर का मैच अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनका अंतिम मैच होगा और यही वजह थी कि उनका कोई भी प्रशंसक उन्हें भारत की तरफ से अंतिम मैच में खेलते हुए देखने से नहीं चूकना चाहता था।
छेत्री ने जमुना दास को गले लगाया
वह जैसे ही मैदान पर पहुंचे चारों तरफ तिरंगा लहराने लगा और स्टेडियम में छेत्री छेत्री की गूंज सुनाई देने लगी। स्टेडियम में एक बहुत बड़ा पोस्टर लगा था जिसमें बंगाली में लिखा था, सोनार सुनील। तोमाय हृद मझारे रखबो ’ (स्वर्णिम सुनील, मैं आपको अपने दिल में बनाए रखूंगा।) इसके अलावा कई अन्य पोस्टर भी लहरा रहे थे जिसमें सुनील छेत्री का गुणगान किया गया था।
गोलकीपर गुरप्रीत सिंह के पीछे खड़े छेत्री को जोर से राष्ट्रगान गाते हुए भी देखा गया। इससे पहले अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ के अध्यक्ष कल्याण चौबे और राज्य के खेल मंत्री अरूप भट्टाचार्य ने उनका स्वागत किया।