जर्मनी के म्यूनिख सम्मेलन में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने विभिन्न देशों के अपने विदेशी समकक्षों के साथ में मुलाकात और द्विपक्षीय वार्ता की। इस दौरान उन्होंने भारत के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत किया। साथ ही रूस-यूक्रेन युद्ध, इजरायल-हमास युद्ध जैसे अन्य मुद्दों पर दुनिया के सामने अपना पक्ष रखा ।
म्यूनिख: भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने जर्मनी के म्यूनिख सम्मेलन में कई देशों के समकक्षों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने भारत के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती प्रदान की। बता दें कि विदेश मंत्री 4 दिनों की यात्रा पर म्यूनिख सम्मेलन में थे, जो आज पूरी हो रही है। इस दौरान जयशंकर ने सऊदी अरब, नॉर्वे, पुर्तगाल, पोलैंड और बेल्जियम के अपने समकक्षों से मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंधों तथा पश्चिम एशिया की स्थिति एवं बहुपक्षवाद जैसे वैश्विक मामलों पर चर्चा की। जयशंकर प्रतिष्ठित म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में भाग लेने के लिए जर्मनी में हैं।
म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा पर चर्चा के लिए दुनिया का अग्रणी मंच है। उन्होंने सम्मेलन से इतर सऊदी अरब के अपने समकक्ष फैसल बिन फरहान अल-सऊद के साथ “सार्थक बातचीत” की। जयशंकर ने शनिवार को ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “संपर्क बढ़ाने, पश्चिम एशिया की स्थिति और हमारी रणनीतिक साझेदारी पर चर्चा हुई।” उन्होंने नॉर्वे के अपने समकक्ष एस्पेन बार्थ ईड के साथ “व्यापक संदर्भ वाली बातचीत” की और सुधरे हुए बहुपक्षवाद और अधिक न्यायसंगत विश्व व्यवस्था की अनिवार्यता के बारे में बात की। जयशंकर ने कहा कि म्यूनिख में अपने पुर्तगाल के समकक्ष जोआओ गोम्स क्राविन्हो से मिलकर “खुशी” हुई। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “हालिया वैश्विक घटनाक्रम पर विचार साझा किए।
अमेरिका और और चीन के विदेश मंत्रियों से भी हुई मुलाकात
इस दौरान एक दिन पहले जयशंकर की अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और चीनी विदेश मंत्री वांग यी से भी संक्षिप्त मुलाकात हुई। साथ ही जयशंकर ने पोलैंड के अपने समकक्ष राडोस्लाव सिकोरस्की के साथ रूस-यूक्रेन संघर्ष पर “गहन चर्चा” की। उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “विभिन्न क्षेत्रों में हमारे द्विपक्षीय सहयोग पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया।” विदेश मंत्री ने बेल्जियम की अपनी समकक्ष हदजा लाहबीब से भी मुलाकात की। उन्होंने जर्मनी में क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन (सीडीयू) पार्टी के नेता फ्रेडरिक मर्ज के साथ भी चर्चा की। जयशंकर ने कहा, “भारत-जर्मनी और भारत-यूरोपीय संघ संबंधों के लिए उनका मजबूत समर्थन दिखा।