कुछ ही समय बाद देश में लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों का ऐलान होने वाला है। इस साल के लोकसभा चुनाव में लगभग 97 करोड़ भारतीय मतदान करने के पात्र होंगे। वहीं, दो करोड़ से अधिक नए मतदाता होंगे।
3.4 लाख जवानों की मांग
निर्वाचन आयोग ने आगामी लोकसभा व विधानसभा चुनाव के लिए गृह मंत्रालय से कुल 3.4 लाख केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों यानी सीएपीएफ की मांग की है। इसके साथ ही आयोग ने जवानों के लिए सभी उपयुक्त सुविधाएं और पर्याप्त संख्या में ट्रेन की व्यवस्था करने की भी मांग की है ताकि चुनाव कार्यों को पूरा करने के लिए जवानों को सुगमता से और समय पर एक जगह से दूसरी जगह भेजा जा सके।
3,400 कंपनियों की तैनाती होगी
आयोग ने गृह मंत्रालय को भेजे गए अपने पत्र में कहा है कि आयोग ने राज्यों के सीईओ द्वारा किए गए अनुरोधों पर विचार किया और स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित करने के लिए चरणबद्ध तरीके से सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में सीएपीएफ की अधिकतम 3,400 कंपनियों को तैनात करने का निर्णय लिया है। बता दें कि सीएपीएफ की एक कंपनी में करीब 100 जवान होते हैं। आयोग ने कहा है कि सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और ‘स्ट्रॉंग रूम’ की सुरक्षा जैसी चुनावी ड्यूटी के लिए सीएपीएफ की तैनाती का अनुरोध किया है।
बंगाल में सबसे ज्यादा कंपनियों की तैनाती
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, आयोग की ओर से पश्चिम बंगाल में चरणबद्ध तरीके से सीएपीएफ की अधिकतम 920 कंपनी तैनात किए जाने की उम्मीद है। इसके बाद जम्मू-कश्मीर में 635, छत्तीसगढ़ में 360 , बिहार में 295, उत्तर प्रदेश में 252 और आंध्र प्रदेश, झारखंड तथा पंजाब, प्रत्येक में 250 कंपनी तैनात की जाएगी। बता दें कि सीएपीएफ में सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, एसएसबी और एनएसजी के जवान शामिल होते हैं।