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जापान में भूकंप ने बदल दिया नजारा, तट से 820 फीट पीछे चला गया समुद्र, ऊपर उठ गए सी-बीच

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जापान में हालिया भूकंप ने समुद्र तट की दृश्यावली ही बदल दी है। भूकंप के कारण समुद्र तट ऊपर उठ गए। इस कारण समुद्र 800 फीट से भी ज्यादा पीछे चला गया। इस कारण नावों को बड़ी दिक्कतें हो रही हैं।

Japan Earthquake: जापान में नए साल की शुरुआत होते ही खतरनाक भूकंप से हाहाकार मच गया। भूकंप के चलते सुनामी की चेतावनी भी दी गई। हालांकि सुनामी नहीं आई। लेकिन इसी बीच में खतरनाक भूकंप के चलते समुद्र तट का नजारा ही बदल गया। यहां भूकंप के बाद एक दो फीट नहीं बल्कि समुद्र 820 फीट पीछे चला गया। यही नहीं, भूकंप के बाद जापान के तट ऊपर उठ गए, जिससे कि यह समुद्र पीछे चला गया। इस बात का पता सैटेलाइट की तस्वीरों से भी चल रहा है।

सैटेलाइट तस्वीरों के अनुसार जापान में 1 जनवरी 2024 को आए भयानक भूकंप के बाद उसके तट 800 फीट से ज्यादा खिसक गए हैं। जापान के नोटो प्रायद्वीप में साल के पहले दिन 7.6 तीव्रता का भूकंप आया था। भूकंप के बाद सुनामी के डर से नोटो प्रायद्वीप के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा गया था। इसके बाद वहां की जमीन में फर्क दिखाई दे रहा है। कई द्वीप समंदर में थोड़ा ऊपर उठ गए हैं। इस वजह से समुद्र थोड़ा दूर खिसक गया है।

भूकंप के कारण सूखे कई तट, नावों का पहुंचना हुआ मुश्किल

सैटेलाइट तस्वीरों से हम यह जान सकते हैं कि भूकंप के बाद​ स्थिति में कितना परिवर्तन आया है। तस्वीरों में ही आपको साफ-साफ अंतर पता चल जाएगा। इन तस्वीरों नाहेल बेलघेर्ज  ने अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर किया है। भूकंप की वजह से कई तट सूख से गए हैं। अब तटों पर नावों का पहुंचना मुश्किल हो गया है। नोटो प्रायद्वीप में भूकंप और सुनामी के बाद यह भौगोलिक बदलाव  देखने को मिलें हैं, जो कि एक खतरनाक स्थिति मानी जा सकती है।

दो फुटबॉल मैदान के बराबर पीछे हट गया समुद्र

अगर आप सैटेलाइट तस्वीरों को ध्यान से देखेंगे तो आपको दिखेगा कि पहले जहां तक पानी था, अब वहां पर सूखा हुआ है। पानी काफी पीछे चला गया है। करीब 820 फीट पीछे, जो कि दो अमेरिकी फुटबाल मैदान की लंबाई के बराबर होता है। टोक्यो यूनिवर्सिटी के भूकंप का शोध करने वाले इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं ने कहा है कि भूकंप के बाद नोटो प्रायद्वीप में काइसो से आकासाकी तक दस जगहों पर तटीय जमीन ऊपर उठ गई है। यानी समंदर का पानी और नीचे चला गया है। इस प्रक्रिया को ‘कोसीस्मिक कोस्टल अपलिफ्ट’ कहते हैं।

सैटेलाइट तस्वीरों में हुई पुष्टि

आकासाकी बंदरगाह पर 14 फीट ऊंची सुनामी लहरें आई थीं। यह पता चला है वहां की इमारतों की दीवारों पर पड़े निशान से। जापानी स्पेस एजेंसी JAXA के ALOS-2 सैटेलाइट ने भी कोस्टल अपलिफ्ट को दर्ज किया है।

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