रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले 17 जनवरी की तारीख को रामलला की मूर्ति को पूरे अयोध्या नगर में भ्रमण करवाया जाना था। हालांकि, इस कार्यक्रम को अब रद्द कर दिया गया है।
अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर के निर्माण का कार्य दिन-रात जारी है। 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए अयोध्या को भव्य तरीके से सजाया जा रहा है। बता दें कि इसी दिन रामलला की प्रतिमा को मंदिर के गर्भ गृह में स्थापित किया जाएगा। हालांकि, इस बीच एक बड़ा अपडेट ये भी आया है कि मंदिर समीति की ओर से प्रस्तावित देव विग्रह के नगर भ्रमण कार्यक्रम को मंदिर ट्रस्ट ने रद्द कर दिया है। इस कार्यक्रम के तहत रामलला की मूर्ति को पूरे अयोध्या नगर में भ्रमण करवाया जाना था।
मंदिर के परिसर के अंदर भ्रमण
रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले 17 जनवरी की तारीख को रामलला की मूर्ति को पूरे अयोध्या नगर में भ्रमण करवाया जाना था। लेकिन इस कार्यक्रम को अब रद्द करने का फैसला किया गया है। हालांकि, अब मूर्ति को इसी तारीख को अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के परिसर के अंदर भ्रमण करवाया जाएगा।
क्यों रद्द हुआ फैसला?
मंदिर समिति से जुड़े एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि सुरक्षा एजेंसियों की सलाह पर मंदिर ट्रस्ट ने सुरक्षा कारणों से इस कार्यक्रम को रद्द कर दिया है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने काशी के आचार्यों और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक के बाद मूर्ति को अयोध्या नगर में भ्रमण कराने का प्रस्ताव रद्द कर दिया गया। ट्रस्ट की बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि जब रामलला की नयी प्रतिमा को शहर में ले जाया जाएगा तो श्रद्धालु और तीर्थयात्री दर्शन के लिए उमड़ पड़ेंगे और प्रशासन के लिए भीड़ को नियंत्रित करना मुश्किल हो जाएगा।
22 जनवरी को होगी प्राण प्रतिष्ठा
21 जनवरी को रामलला की मूर्ति को 125 कलशों से स्नान कराया जाएगा और अंत में उन्हें समाधि दी जाएगी। अंतिम दिन 22 जनवरी को सुबह की पूजा के बाद दोपहर में ‘मृगशिरा नक्षत्र’ में राम लला के विग्रह का अभिषेक किया जाएगा। जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा संपन्न किया जाएगा।